Connect with us

वाराणसी

वाराणसी में गंगा ने पार किया खतरे का निशान, बाढ़ से डूबे मोहल्ले और घाट

Published

on

घाटों पर शवदाह ठप, गलियों में चल रही नावें

वाराणसी में गंगा नदी ने खतरे का निशान पार करते हुए तटीय इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। रविवार सुबह आठ बजे तक जलस्तर 73.901 मीटर तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान 71.262 मीटर से काफी ऊपर है। गंगा की रफ्तार अभी भी थमी नहीं है और जलस्तर लगातार तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा है।

गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण घाटों की सीढ़ियां डूब चुकी हैं और अब गलियों में नाव चलने लगी है। दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस चौकी पूरी तरह पानी में समा चुकी है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थल पर जगह कम होने के कारण अब गलियों में ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

वरुणा और असि नदी के पलट प्रवाह ने भी हालात को और गंभीर बना दिया है। निचले इलाकों में पानी घुस चुका है, जिससे 21 गांव और 26 वार्ड बाढ़ की चपेट में हैं। सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है और 1062 परिवारों को घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। अब तक 4,733 लोग सरकारी राहत शिविरों में पहुंच चुके हैं।

काशी के लगभग सभी प्रमुख घाट और मंदिर जलमग्न हो चुके हैं। शीतला मंदिर की छत तक पानी पहुंच गया है और विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार तक केवल कुछ ही सीढ़ियां शेष हैं। सड़कों पर लोग स्नान कर बाबा के दर्शन को जा रहे हैं, जबकि जल पुलिस नावों से गश्त कर रही है।

Advertisement

गंगा का यही रुख जारी रहा तो शाम तक चितरंजन पार्क समेत कई ऊंचे इलाके भी जलमग्न हो सकते हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है लेकिन हालात बेकाबू होते जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के हालात पर चिंता जताई है और अधिकारियों को हरसंभव सहायता देने का निर्देश दिया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी भयावह बाढ़ उन्होंने वर्षों बाद देखी है। अगर जलस्तर का यही रुझान बना रहा तो आने वाले दिनों में वाराणसी को एक बड़ी आपदा का सामना करना पड़ सकता है।

Advertisement

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page