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अपराध

वाराणसी के कृषि विभाग में कोषाधिकारी कार्यालय की मिली भगत से करोड़ो का घोटाला

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आईपीएम बिल्डिंग बनी नही हो गया 80 लाख का भुगतान

रिपोर्ट – मनोकामना सिंह

वाराणसी । एक ओर सूबे में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से बनी भाजपा सरकार प्रदेश से भ्रष्टाचार और अपराध के पूरी तरह खात्मे की पुरजोर कोशिश कर रही है, तो वही दूसरी ओर सरकारी कार्यालयों में बैठे भ्रष्ट अधिकारी खुद ही करोड़ो का घोटाला कर मालामाल हो रहे है । कुछ ऐसा ही प्रकरण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा करोड़ों के भ्रष्टाचार का सामने आया है, जिसमें वाराणसी के मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय से मिलीभगत कर बगैर कार्यालयध्यक्ष के हस्ताक्षर के गलत ढंग से आईपीएम लैब के पुनरुद्धार हेतु 80 लाख रुपये का भुगतान कार्यदायी संस्था को कर दिए जाने का है, जबकि वास्तविकता आईपीएम प्रयोगशाला पुनरुद्धार तो दूर रंग रोगन से भी परे है ।


प्रकरण के अनुसार राष्ट्रीय कृषि योजना अंतर्गत 24 बृहद निर्माण कार्य हेतु कृषि निदेशालय उत्तर प्रदेश शासन से 14 सितंबर 2021 को 80 लाख रुपए कुछ शर्तो तथा प्रतिबंधों के अधीन कृषि विभाग को शासन से मिला था, जिसमें पहली ही शर्त कोविड-19 के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद योजना के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन संचालन किया जाना आवश्यक एवं अपरिहार्य था । बावजूद इसके ठीक-ठाक चल रहे प्रोडक्शन के बाद भी आईपीएम लैब प्रयोगशाला को जीर्ण शीर्ण दिखा कर उसके पुनरुद्धार हेतु 80 लाख रुपये का भुगतान गलत ढंग से कार्यदाई संस्था के खाते में बगैर कार्यालयध्यक्ष के हस्ताक्षर के कोषागार कार्यालय द्वारा भेज दिया गया अपितु आईपीएम लैब आज भी पुनरुद्धार के नाम पर अपने जर्जर हालत में आंसू बहा रहा है । वहां कार्यदाई संस्था के द्वारा मरम्मत तो दूर रंग रोगन का भी कार्य नहीं किया गया है ।

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