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वाराणसी

वन विभाग की मनमानी से टिंबर व्यवसायियों में उबाल, संचालक अस्पताल में भर्ती

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वाराणसी। आदमपुर के कज्जाकपुरा भदऊ स्थित एक वैध आरा मशीन पर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा जबरन कार्रवाई किए जाने से टिंबर व्यवसायियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। आरोप है कि विभागीय तानाशाही और अवैध वसूली के चलते संचालकों का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, उक्त आरा मशीन का संपूर्ण वैध दस्तावेज विभाग के पास पहले से जमा है। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार, पूर्व डीएफओ संजू सिंह द्वारा आरा मशीन के संचालन की विधिवत अनुमति दी गई थी, जिसकी प्रति विभागीय पोर्टल और संबंधित डीएफओ को भी भेजी गई थी।

इसके बावजूद विभागीय कर्मचारी शैलेश मिश्रा, जो वर्षों से कार्यालय में जमे हुए हैं, ने फाइल को जानबूझकर दबा दिया।बताया जाता है कि रविवार रात को एसडीओ राकेश कुमार अचानक उक्त आरा मशीन पर पहुंचे और बिना नवीनीकरण दस्तावेज दिखाए मशीन को सील करने की धमकी दी।

जब संचालक वैध प्रक्रिया के तहत शुल्क जमा करने और कागजात प्रस्तुत करने की बात कही, तब भी अधिकारी अवैध वसूली के दबाव में रहे।व्यवसायियों का आरोप है कि बाबू शैलेश मिश्रा आरा मशीनों के नवीनीकरण के नाम पर 20 गुना तक अधिक धन की अवैध मांग करता है और वर्षों से विभागीय संरक्षण में यह गोरखधंधा चल रहा है।

एसडीओ की कार्रवाई से आहत संचालक को अचानक सीने में तेज दर्द उठा, जिसके बाद उन्हें तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।व्यवसायियों ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग ने जल्द ही अपनी तानाशाही और भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगाई, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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इस पूरे प्रकरण ने विभागीय कार्यशैली और आंतरिक भ्रष्टाचार की गंभीर पोल खोल दी है। इस संदर्भ में एसडीओ राकेश कुमार से कई बार मोबाइल पर फोन से बात करने की कोशिश की गई लेकिन फोन नहीं उठा।

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