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चन्दौली

वनवासियों को महीनों बाद भी नहीं मिला आवास के लिए भूमि

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कोरमपूर्ति अधूरी, कार्यदायी संस्था और राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से हटाने की रची जा रही साजिश

सकलडीहा (चंदौली)। टिमिलपुर गांव के एक दर्जन से अधिक वनवासियों को महीनों बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण के लिए भूमि आवंटित नहीं हो पाई है, जिससे ब्लॉक प्रशासन भी असमंजस की स्थिति में है।

वनवासियों का आरोप है कि कार्यदायी संस्था और राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से उन्हें हटाने की साजिश रची जा रही है। उन्हें ऐसी जगह भूमि दी जा रही है जहाँ गहरे गड्ढे हैं और वहां पीएम आवास का निर्माण कर पाना संभव नहीं है। दूसरी ओर, वनवासियों ने साफ कहा है कि जब तक उन्हें रहने लायक उचित भूमि और आवास नहीं मिलता, वे वहाँ से हटेंगे नहीं।

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गौरतलब है कि सकलडीहा कस्बे के टिमिलपुर में ये वनवासी वर्षों से सड़क किनारे रह रहे हैं। सड़क चौड़ीकरण के चलते उन्हें वहां से हटाया जाना तय है, लेकिन वैकल्पिक भूमि के अभाव में उनकी स्थिति दयनीय बनी हुई है।

कार्यदायी संस्था द्वारा लगातार राजस्व विभाग के माध्यम से इन्हें हटाने का दबाव बनाया जा रहा है। आरोप यह भी है कि संस्था और राजस्वकर्मी मिलकर गड्ढे और जलभराव वाले क्षेत्रों में भूमि आवंटित करने की कोशिश कर रहे हैं, जो तकनीकी और भौगोलिक दृष्टि से अनुपयुक्त है।

इस स्थिति में ब्लॉक के अधिकारी और संबंधित सचिव परेशान हैं, क्योंकि जब तक उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं होगी, तब तक मुख्यमंत्री आवास योजना की राशि जारी करना संभव नहीं है।

प्रधान प्रतिनिधि अशोक कुमार ने बताया कि ऐसी जगह भूमि आवंटित की जा रही है जहाँ गड्ढे को भरने में ही सारी धनराशि खर्च हो जाएगी और आवास निर्माण असंभव हो जाएगा।

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