पूर्वांचल
लम्पी स्किन डिजीज बीमारी की रोकथाम के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी ने दिया आवश्यक सुझाव

पशुओं में फैल रहा लम्पी स्किन डिजीज बीमारी जैसा रोग
चंदौली। जनपद के पशु चिकित्सा अधिकारी महेश चंद ने लम्पी स्किन डिजीज बीमारी की रोकथाम के लिए पशुपालकों के लिए आवश्यक सुझाव दिए है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक संक्रामक रोग विषाणु जनित बीमारी है। यह बीमारी गोवंशीय और महिषवंशीय पशुओं में पायी जाती है।
लंपी के इन लक्षणों को पहचानना जरूरी –
वर्तमान में चंदौली के बाहर गोवंश जाने एवं चन्दौली में बाहर से गोवंश आने पर पूर्णतया प्रतिबन्धित कर दिया गया है। अतः रोग के रोकथाम हेतु आमजन कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। रोग के संचरण, फैलाव, प्रसार पशुओं में मक्खी, चिचड़ी एवं मच्छरों के काटने से होता है। उन्होंने बताया कि पशुओं में हल्का बुखार होना, पूरे शरीर पर जगह-जगह नोड्यूल, गाठों का उभरा हुआ दिखाई देन इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। इस बीमारी से ग्रसित पशुओं की मृत्यु दर अनुमान 01 से 05 प्रतिशत मात्र है।
उन्होंने बताया कि बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना। पशुओं में बीमारी को फैलाने वाले घटकों की संख्या को रोकना अर्थात पशुओं को मक्खी, चिचडी एवं मच्छर के काटने से बचाना, पशुशाला की साफसफई दैनिक रूप से करना तथा डिसइन्फेक्शन का स्प्रे आदि करना चाहिए। संकमित स्थान की दिन में कई बार फार्मलिन, ईथर, क्लोरोफार्म, एल्कोहल से सफाई करना। मृत पशुओं के शव को गहरे गडढे में दबाया जाना चाहिए।