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चन्दौली

राम किशन यादव का एशिया कुश्ती चैंपियनशिप के लिए चयन

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धानापुर (चंदौली)। “किसी भी खेल प्रतिस्पर्धा में सफलता पाने के लिए मेहनत जरूरी है।” यह कथन क्षेत्र के प्रेमाश्रयपुर गुरेहू निवासी राम किशन यादव पर सटीक बैठता है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, अनुशासन और संघर्ष के बल पर एशिया कुश्ती चैंपियनशिप 2025 के लिए 97 किलोग्राम फ्री स्टाइल वर्ग में स्थान प्राप्त किया है।

गांव से शुरू हुआ सफर, पहुंचा एशिया के मंच तक
ग्राम गुरेहू के साधारण किसान परिवार में जन्मे राम किशन यादव ने अपने जीवन की शुरुआत बहुत सामान्य परिस्थितियों में की। उनके पिता घुरहू यादव ने उन्हें बचपन से ही लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी। राम किशन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से ही प्राप्त की। वर्ष 2010 में उन्होंने हाईस्कूल और 2012 में इंटरमीडिएट की परीक्षा शहीद गांव से उत्तीर्ण की।

सेना से कुश्ती तक का संघर्षपूर्ण सफर
राम किशन ने वर्ष 2013 में देश सेवा का संकल्प लेते हुए भारतीय सेना में भर्ती होने का निर्णय लिया और 16 सितंबर 2013 को कुमाऊं रेजिमेंट में शामिल हो गए। सेना में रहते हुए ही उनका झुकाव कुश्ती की ओर हुआ। कठिन परिश्रम, समर्पण और निरंतर अभ्यास ने उन्हें एक योग्य पहलवान बना दिया।

राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण, अब एशिया के लिए तैयार
राम किशन ने लखनऊ में आयोजित नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में 97 किलोग्राम फ्री स्टाइल वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस सफलता के बाद उनका चयन एशिया कुश्ती चैंपियनशिप के लिए हुआ। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और गांव के लिए, बल्कि पूरे जिले व राज्य के लिए गर्व का विषय बन गई है।

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राम किशन यादव का यह संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायक सफर क्षेत्र के युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए कठिन मेहनत, आत्मविश्वास और अनुशासन आवश्यक है।

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