वाराणसी
रामनगर में सड़क चौड़ीकरण का भारी विरोध, जेसीबी पर चढ़ीं महिलाएं, भाजपा व कांग्रेस नेताओं का निर्माण ढहाया
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी। पड़ाव-रामनगर मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर रामनगरवासी मुखर हैं। जेसीबी लेकर अतिक्रमण हटवाने पहुंची प्रशासनिक टीम को स्थानीय नागरिकों व व्यापारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। महिलाएं जेसीबी पर चढ़ गईं। इस दौरान पुलिस से नोकझोंक हुई। पुलिस ने लाठी भांजकर लोगों को खदेड़ा। वहीं भाजपा व कांग्रेस नेताओं समेत कई लोगों के निर्माण पर बुलडोजर चला।
पड़ाव रामनगर चौड़ीकरण के क्रम में अतिक्रमण हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने पुलिस कमिश्नरेट से पर्याप्त पुलिस बल की मांग की थी। लोगों को भनक लग चुकी थी कि प्रशासन सख्ती कर सकता है। इसे देखते हुए व्यापारी और दुकानदार भी सुबह नौ बजे से सड़क पर आ डटे थे। जहां से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू होने की संभावना थी, वहां ग्रुप बनाकर जमा हो गए। इधर रामनगर थाने में एसीएम द्वितीय और एसीपी कोतवाली अमित पांडेय समेत नगर कोतवाली से आई भारी पुलिस बल पहले से मौजूद था। थाने में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ लोनिवि अफसरों के साथ बंद कमरे में मीटिंग चल रही थी। तीन बजे के आसपास फोर्स रामनगर पीएसी की तरफ चल दी। प्रदर्शनकारी भी वहीं पहुंच गए। कामाक्षी सिनेमा के पास दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। पुरुष व महिलाएं जेसीबी पर चढ़ गए। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे व्यापारी नेता राकेश जायसवाल से पुलिस की नोकझोंक हो गई। पुलिस ने उन्हें और कुछ लोगों को वैन में बिठा लिया। इधर दबाव बढ़ता देख भाजपा नेता विनोद सेठ बिन्नी ने अपना अतिक्रमण खुद हटाना शुरू कर दिया। इसके बाद प्रशासन को मौका मिल गया और सबसे पहले उनका निर्माण ढहा दिया गया। इसके बाद कांग्रेस नेता और पूर्व सभासद गोपाल मौर्या की दुकान पर बुलडोजर चला।
अतिक्रमणकारी सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इसके बावजूद बुलडोजर चलता रहा। दो और पक्के निर्माण ढहाए गए। कार्रवाई से कई दिनों से विरोध का परचम लहराए व्यापारी भी निराश हो गए और वापस हो लिए। इस घटनाक्रम के दौरान राकेश जायसवाल की चेन और अंगूठी गायब हो गई तो वहीं एक महिला कल्पना तिवारी आयुष तिवारी नोकझोंक के बीच मामूली रुप से घायल हो गईं। पड़ाव चौराहे से रामनगर तक 86 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसकी जद में रामनगर के लगभग चार सौ व्यवसायी और नागरिकों के निर्माण आ रहे हैं। प्रशासन की ओर से इन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन मुआवजे के लिए खतौनी की मांग कर रहा है, जबकि व्यापारियों के पास निगम का असेसमेंट नकल ही है।
