वाराणसी
राजस्व वसूली बढ़ाने हेतु विशेष अभियान चलायें-जिलाधिकारी
मातहतों की कार्य प्रणाली पर एसडीएम कड़ी निगाह रखें-एस राजलिंगम
आईजीआरएस की रिपोर्ट को सही तरीके से तैयार कर अपलोड करें -डीएम
वाराणसी। जिलाधिकारी एस.राजलिंगम द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित जिला राइफल क्लब सभागार में कर करेत्तर एवं राजस्व वसूली की समीक्षा करते हुए जनपद की तहसीलों की कार्य प्रणाली में सुधार लाने के कड़े निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि अधिकारी मातहतों पर नियंत्रण रखें उनके कार्यों की निगरानी करें ताकि तहसीलों में आने वालों की समस्याएं दूर हों और सुविधाजनक तरीके से उनका काम हो सके।
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन की समीक्षा के दौरान बताया गया कि माह जून की स्थिति के अनुसार 96 करोड़ 6 लाख लक्ष्य का 78 प्रतिशत पूर्ति की जा चुकी है। आबकारी विभाग की प्रगति ठीक नहीं पाये जाने पर स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया।
व्यापार कर की समीक्षा में पूछने पर अधिकारी ने बताया कि वसूली बढ़ाने के लिए इंफोर्समेंट की कार्रवाई की जा रही है। अब तक 19 छापे मारे गये जिसमें 5 करोड़ 42 लाख रुपए जमा कराये गये। माह की केवल 60 % वसूली पर असंतोष जताया और कहा कि टीमें बढ़ा कर वसूली लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत करायें।
परिवहन विभाग द्वारा 82 % वसूली की जानकारी देने पर परिवहन अधिकारी को ओवर लोडिंग की गाड़ियों की जांच ठीक ढंग से करायें। जिलाधिकारी के द्वारा टोल पर जांच के अनुसार बताया गया कि एक माह में ओवर लोडिंग से लगभग 252 करोड़ रूपये वसूले जा सकते हैं लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जाता।
विद्युत कर वसूली माह की 58 % किये जाने पर उन्होंने दुकानों के कामर्शियल कनेक्शन, गृह विद्युत की वसूली की नियमित जांच हो, छापेमारी की जाय।
भू-राजस्व की वसूली लक्ष्य 83.35 लाख के सापेक्ष केवल 23.77 % किये जाने पर तीनों तहसीलों का अलग विवरण मांगा और वसूली में तेजी लाने का निर्देश दिया। टाप टेन बकायेदारों की वसूली में भी कोई प्रगति नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई।
कर करेत्तर राजस्व में वन विभाग की प्रगति 21% रही, खनन विभाग द्वारा 69% की वसूली बताने पर जिलाधिकारी ने अवैध खनन पर पेनाल्टी वसूल कर लक्ष्य की पूर्ति करने का निर्देश दिया। श्रम विभाग को चाइल्ड लेबर जहां -जहां हैं छापेमारी कराने का निर्देश दिया।
स्थानीय निकाय की वसूली की समीक्षा करते हुए कहा कि गंगापुर द्वारा सबसे खराब वसूली अर्थात एक लाख 28 हजार के सापेक्ष केवल 41 हजार की वसूली, केवल 32% क्यों। इसे बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने को कहा।
आईजीआरएस की समीक्षा के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वे अपने मातहतों के द्वारा निस्तारण किये जाने पर स्वयं निगाह रखें और सही तरीके से सूचनाएं अपलोड करायें। सूचना समय से प्राप्त नहीं हो रही हैं। धारा 24 के अभियान में रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की गयी है। वरासत के मामले उन्होंने एसडीएम को निर्देशित किया कि एक भी मामला पेंन्डिंग नहीं रहना चाहिए।
मछली पालन हेतु पट्टा आवंटन की कार्यवाही में किसी प्रकार भी देरी नहीं होनी चाहिए। रीयल टाइम खतौनी की समीक्षा में 1400 के सापेक्ष 283 खतौनी अर्थात 16% किये जाने पर तेजी लाने का निर्देश दिया।
पांच वर्ष से अधिक के लम्बित वादों के निस्तारण कराने के लिए सभी तहसीलों को विशेष ध्यान देकर रिव्यू करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही न्यायालयों में वादों का निस्तारण तेजी से कराये जाने का निर्देश देते हुए प्रति शपथपत्र समय से न्यायालय में दाखिल कराने की सख्त हिदायत दी।
तहसील से जारी आरसी की वसूली की समीक्षा करते हुए 44 करोड़ की वसूली के सापेक्ष 19 करोड़ की वसूली करने पर गहरा असन्तोष व्यक्त किया और देरी करने पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित करने की चेतावनी दी।
