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गाजीपुर

रमजान में इफ्तार पार्टी के क्या हैं मायने ?

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बहरियाबाद (गाजीपुर)। रमजान का पाक महीना इबादत, आत्मचिंतन और सामूहिक सौहार्द का समय होता है। इस दौरान इफ्तार पार्टियों का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जो केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण होती हैं। शहरों से लेकर गांवों तक, विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय समुदायों द्वारा बड़े पैमाने पर इफ्तार का आयोजन किया जा रहा है।

भारत की गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरती इस बात में है कि इसमें सभी धर्मों और समुदायों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में भाग लेते हैं। रमजान के दौरान हिंदू भाई भी इफ्तार पार्टियों का आयोजन कर मिसाल पेश कर रहे हैं, जिससे आपसी भाईचारे और सौहार्द को और अधिक मजबूती मिल रही है। यह आयोजन न केवल रोजेदारों के लिए एक सम्मान का प्रतीक है, बल्कि सभी धर्मों और समुदायों के लोगों को एक मंच पर लाने का जरिया भी बनता है।

इफ्तार पार्टी न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि जरूरतमंदों को भोजन कराना एक पुण्य का कार्य माना जाता है। यह परंपरा इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार समाज में दान और सेवा के मूल्यों को प्रोत्साहित करती है। इसके अलावा, इफ्तार पार्टियों से दोस्तों, परिवार और पड़ोसियों के बीच आपसी संबंध मजबूत होते हैं और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा मिलता है।

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राजनीतिक दृष्टिकोण से भी भारत में इफ्तार पार्टियों का विशेष महत्व है। कई राजनीतिक दल इस अवसर पर इफ्तार का आयोजन कर विभिन्न समुदायों तक पहुंच बनाने और सौहार्द का संदेश देने का प्रयास करते हैं। इस तरह, रमजान में इफ्तार पार्टियां धार्मिक और आध्यात्मिक होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता को भी दर्शाती हैं।

रमजान सिर्फ आत्मशुद्धि का महीना नहीं, बल्कि खुशी, आपसी मेलजोल और भाईचारे को बढ़ावा देने का भी समय होता है। इफ्तार पार्टी इस भावना का प्रतीक बन चुकी है, जो लोगों को करीब लाने और खुशियां साझा करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।

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