गाजीपुर
रक्षाबंधन पर बरगद का पेड़ लगाकर मां को समर्पित की अनोखी मिसाल

बहरियाबाद (गाजीपुर)। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर गाजीपुर के बहरियाबाद क्षेत्र के गांव में पर्यावरण संरक्षण और मातृ प्रेम का अनोखा संगम देखने को मिला। आराजी कस्बा स्वाद के प्रधान प्रतिनिधि अब्दुल खालिक उर्फ गुड्डू ने जामा मस्जिद के पास रौजा मोहल्ला स्थित दादा मियां की मजार के समीप बरगद का पेड़ लगाकर मिसाल पेश की। उन्होंने इस पौधारोपण को अपनी मां के नाम समर्पित करते हुए इसे एक पुनीत कार्य बताया।
इससे पहले यहां लगभग दो सौ वर्ष पुराना इमली का पेड़ था, जो गिर जाने के बाद मजार परिसर में छाया का कोई इंतजाम नहीं था। बरगद का यह नया पौधा अब श्रद्धालुओं और आने-जाने वालों को धूप से राहत देगा।
पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है कि जब कोई मुसलमान पेड़ लगाता है या खेती करता है और उससे इंसान, जानवर या परिंदा कुछ खाता है, तो वह उसके लिए सदका (दान) होता है। जब तक वह पेड़ जीवित रहता है, उसके लगाने वाले को सवाब मिलता रहता है, जिसे इस्लामी शिक्षा में सदका-ए-जारिया कहा गया है।
कुरान और हदीस में भी पर्यावरण की सुरक्षा और हरियाली को बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया है। पेड़-पौधे लगाने से पर्यावरण बेहतर होता है, जो इस्लाम की शिक्षाओं के अनुरूप है। दादा मियां का इतिहास लगभग आठ सौ वर्ष पुराना है और उनके समय में ही रौजा मोहल्ला की स्थापना हुई थी, जो आज भी उसी नाम से प्रसिद्ध है।
इस अवसर पर अब्दुल माजीद, अनवर हसन, अफजाल हसन, इस्लाम ट्रेलर, वसीम उर्फ चुन्नू टेलर, अशफाक उर्फ जोखन टेलर, इसरार ट्रेलर, नैमुल्ला ट्रेलर, सौदागर टेंट हाउस, पप्पू वॉशरमैन, नज़ीर अहमद और हसनू बालवर सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।