चन्दौली
“युवा शक्ति को राष्ट्र की चेतना मानते थे विवेकानंद” : प्रो. अरुण
लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विवेकानंद जयंती पर कर्तव्य बोध दिवस का हुआ आयोजन
पीडीडीयू नगर (चंदौली) जयदेश। लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पं. पारसनाथ तिवारी नवीन परिसर में विवेकानंद जयंती एवं कर्तव्य बोध दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. उदयन ने स्वामी विवेकानंद के विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। यदि स्वयं को निर्बल मानोगे, तो निर्बल बन जाओगे और सबल मानोगे, तो सबल बनोगे।”
उन्होंने कहा कि विवेकानंद जी ने निंदा के बजाय मदद को प्राथमिकता दी और जीवन में कर्तव्य को दायित्व के रूप में अपनाने की शिक्षा दी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. युवराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मानना था कि दूसरों से अच्छी बातें सीखनी चाहिए और उन्हें अपने तरीके से आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने विवेकानंद को मानवतावादी चिंतक बताया। वहीं, प्रो. वृजेश कुमार ने कहा कि विवेकानंद ने चरित्र निर्माण और निस्वार्थ सेवा के महत्व पर बल दिया।
प्रो. अरुण ने युवा शक्ति को राष्ट्र की मूलभूत चेतना बताते हुए कहा कि विवेकानंद जी के विचारों में समाज और राष्ट्र के विकास का मार्ग निहित है।
कार्यक्रम का संचालन विवेक सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. संजय, प्रो. अजीत, प्रो. भावना, डॉ. कामेश, डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. मनोज, डॉ. आशुतोष, डॉ. अश्विनी, डॉ. प्रजापति, डॉ. अरविंद, डॉ. शशिकला समेत अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।