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म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से भारी तबाही, मौत का आंकड़ा 1000 पार

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म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आये विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसमें 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 2300 से अधिक घायल हो गए। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत गिरने से कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। भारत ने म्यांमार को राहत सामग्री भेजी है।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता

इस भूकंप का केंद्र म्यांमार में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 मापी गई। इसके झटके थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए।

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थाईलैंड में तबाही का मंजर

बैंकॉक में निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत गिरने से 40 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शहर में कई मेट्रो और लाइट रेल सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। थाईलैंड स्टॉक एक्सचेंज ने दोपहर के सत्र के लिए सभी ट्रेडिंग गतिविधियां रोक दी हैं।

म्यांमार में सबसे ज्यादा तबाही

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म्यांमार में 1002 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 2376 लोग घायल हुए हैं। राजधानी नायपीडॉ और मांडले सहित कई क्षेत्रों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। मांडले में एक पुल ढह गया और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की है।

भारत की तरफ से त्वरित सहायता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर गहरी चिंता व्यक्त की और हर संभव सहायता देने का वादा किया। भारतीय वायु सेना का C-130J विमान राहत सामग्री लेकर म्यांमार रवाना हो गया है। भारत ने 15 टन राहत सामग्री भेजी है, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, पानी को साफ करने वाले उपकरण और दवाएं शामिल हैं।


वहीं, चीन और रूस ने म्यांमार में बचाव दल भेजे हैं, जबकि जापान, फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी सहायता की पेशकश की है। बता दें कि, बचाव दल मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।

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