वाराणसी
मोहन भागवत के विरोध पर बवाल, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत पांच पर मुकदमा दर्ज

वाराणसी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के काशी दौरे के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन ने अब कानूनी रूप ले लिया है। भारत माता मंदिर परिसर, सिगरा में हुए इस प्रदर्शन को लेकर सिगरा थाने में यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के नेताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रदर्शन उस वक्त हुआ जब मोहन भागवत के प्रयागराज महाकुंभ स्नान में शामिल न होने को लेकर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेरने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों ने महाकुंभ का पवित्र जल अर्पित करने की कोशिश की और सवाल उठाया कि जब उन्होंने पूरे देश को स्नान के लिए प्रेरित किया, तो खुद उससे क्यों दूर रहे?
इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लिया और बाद में यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विकास सिंह, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पांडेय, युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अनुपम राय, अनिरुद्ध सिंह और एक अज्ञात प्रदर्शनकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 126(2), 285 और 121(1) के तहत मामला दर्ज किया।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विकास सिंह ने कहा कि यह मुकदमा सरकार की डराने की साजिश है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हम झुकने या डरने वाले नहीं हैं, यह लोकतंत्र है और गलत के खिलाफ आवाज उठाना हमारा हक है।
फिलहाल इस मामले ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है और कांग्रेस खेमे में इसे लेकर भारी नाराज़गी है। यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई नेताओं ने स्पष्ट किया है कि वे अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
सिगरा थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि राजनीतिक हलकों में इस कार्रवाई को विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश बताया जा रहा है।