राष्ट्रीय
मोदी सरकार में रोजगार के नये अवसर
नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कांग्रेस के बेरोजगारी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में अब तक 60 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार ने रोजगार के नए अवसरों पर विशेष ध्यान दिया है और नवंबर के पहले सप्ताह तक बड़ी संख्या में युवाओं को केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में नौकरियां दी गई हैं।
मांडविया ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में 4300 युवाओं की भर्ती की गई है और 5000 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने बताया कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भारी निवेश से रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में रोजगार सृजन के लिए दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
रोजगार से जुड़ी योजनाओं के तहत 3.39 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं। साथ ही एक करोड़ युवाओं को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप देने और भत्ता व सहायता राशि प्रदान करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देगी। 4.19 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से 1.26 करोड़ नौकरियों के सृजन का अनुमान है।
महाराष्ट्र के वधावन में 76,220 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित हो रहे बंदरगाह से 12 लाख नौकरियां पैदा होंगी।
इसके अलावा 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों से 40 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास से 22,000 नौकरियां सृजित होंगी जबकि चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण में 16,500 रोजगार के अवसर बनेंगे। कृषि अवसंरचना निधि के विस्तार से 8.7 लाख रोजगार और राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से 23 लाख प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे।
पीएम-ड्राइव योजना के तहत रोजगार सृजन में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है। अध्ययन के अनुसार, भारी वाहनों पर 13, तिपहिया वाहनों पर 4 और दोपहिया वाहनों पर 1 व्यक्ति को रोजगार मिलता है।