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मिर्ज़ापुर

मेडिकल कॉलेज प्राचार्य की जिद से ठप हुआ केंद्रीय मंत्री का सपना

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सीएमओ की बिल्डिंग पर मेडिकल कॉलेज ने जताया कब्जा, नहीं खुल सका डीआईसी सेंटर

मिर्जापुर। स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन मिर्जापुर जिले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की मनमानी के चलते केंद्र सरकार की पहल ठप होती नजर आ रही है। केंद्रीय मंत्री और सांसद द्वारा जिले में मूकबधिर लोगों के लिए प्रस्तावित डीआईसी सेंटर खोलने की योजना अब अधर में लटक गई है।

दरअसल, मंत्री द्वारा 6 मार्च 2025 को नेशनल हेल्थ मिशन के एमडी को पत्र भेजकर मिर्जापुर के भैरव नेत्रालय के प्रथम तल पर डीआईसी सेंटर खोलने का अनुरोध किया गया था।

इस पर कार्रवाई करते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, उत्तर प्रदेश को निर्देशित किया गया। इसके बाद सीएमओ डॉ. सी.एल. वर्मा ने 10 मई 2025 को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सजीव कुमार सार को पत्र भेजकर उक्त स्थान पर डीआईसी सेंटर की स्वीकृति मांगी।

चौंकाने वाली बात यह रही कि यह भवन स्वास्थ्य विभाग की है, फिर भी मेडिकल कॉलेज ने उस पर अपना अधिकार जताते हुए न केवल अनुमति देने से इनकार कर दिया, बल्कि यह भी कहा कि वहां पर्याप्त स्थान नहीं है। जबकि स्पष्ट है कि भैरव नेत्रालय का पहला तल सीएमओ के अधीन है और वहीं पर डीआईसी सेंटर खोलने की बात थी।

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सरकार की ओर से इस योजना के लिए 50 लाख रुपये भी आवंटित किए जा चुके हैं, लेकिन प्राचार्य के इंकार से यह सार्वजनिक सुविधा शुरू नहीं हो पा रही।

यह पूरा मामला स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मेडिकल कॉलेज की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अगर जिला प्रशासन और उच्चाधिकारी समय रहते संज्ञान नहीं लेते, तो मिर्जापुर के मूकबधिर नागरिक इस जरूरी सुविधा से वंचित रह जाएंगे।

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