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मुजफ्फरनगर में बोले अमित शाह- अखिलेश बाबू को लाज भी नहीं आती
मुजफ्फरनगर: अखिलेश यादव के दौरे के अगले ही दिन यानी शनिवार 29 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुजफ्फरनगर पहुंचे। यहां उन्होंने घर-घर जाकर भाजाप प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी आड़े हाथ लिया। शाह ने कहा कि अखिलेश बाबू को लाज भी नहीं आती, हिम्मत हो तो आपके समय के आंकड़े लेकर कल प्रेसवार्ता करिए।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को मुजफ्फरनगर सदन विधानसभा में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार किया। इस दौरान अमित शाह ने समाजवादी पार्टी को आड़े हाथ लिया। शाह ने कहा, ‘क्या आप दंगों को भूल गए हैं? वोट देने में गलती की तो लखनऊ में दंगाइयों की सत्ता में आएगी। सपा-बसपा की सरकार बनी तो एक बार फिर माफिया राज आएगा, जातिवाद आएगा। लेकिन अगर आप बीजेपी को वोट देते हैं तो हम यूपी को नंबर 1 बना देंगे।
उन्होंने कहा कि यहां दंगों के दौरान पीड़ितों को आरोपी बनाया गया और आरोपियों को शिकार (पीड़ित) बनाया गया। 2017 में हमारी सरकार आने के बाद से गुंडे यूपी की सीमा से बाहर चले गए हैं। शाह ने कहा कि पहले सपा-बसपा ने यहां शासन किया, बहनजी की पार्टी आती थी तो वो एक जाति की बात करती थी, कांग्रेस पार्टी आती थी तो वो परिवार की बात करती थी और अखिलेश बाबू आते थे तो वो गुंडा, माफिया और तुष्टिकरण की बात करते थे।
शाह ने कहा कि कल अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की प्रेस कांफ्रेंस देखी। अखिलेश ने बहुत अच्छे से बात की कि हम साथ-साथ हैं, लेकिन आप साथ-साथ सिर्फ मतगणना तक हो। अगर सरकार बन गई तो जयंत भाई निकल जाएंगे और आजम खान बैठ जाएंगे। टिकटों के बंटवारे से ही समझ में आ गया है कि आगे क्या होने वाला है। इस दौरान शाह ने कहा कि अखिलेश बाबू को लाज भी नहीं आती, कल यहां कहकर गए कि कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।
अखिलेश बाबू आज मैं सार्वजनिक कार्यक्रम में आंकड़े देने आया हूं, हिम्मत हो तो आपके समय के आंकड़े लेकर कल प्रेसवार्ता करिए। उन्होंने कहा कि आपके शासन की अपेक्षा भाजपा सरकार के पांच साल में डकैती में 70%, लूट में 69%, हत्या में 30%, अपहरण में 35% और बलात्कार में 30% से ज़्यादा की कमी हुई है। मैंने तो अपना हिसाब दे दिया। आप अपनी सरकार के आंकड़े और भाजपा के आंकड़े हाथ में लेकर प्रेस वार्ता कीजिए, तभी तो जनता को मालूम पड़ेगा।