मिर्ज़ापुर
मिर्जापुर: 27 जून को निकलेगी भव्य श्री जगन्नाथ रथ-यात्रा

नारघाट स्थित उत्सव भवन में आज श्री जगन्नाथ रथ-यात्रा प्रबंध समिति द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें 27 जून को होने वाले भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की भव्य रथ-यात्रा महोत्सव की तैयारियों की जानकारी दी गई। समिति की ओर से बताया गया कि यह रथ-यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और एकता का प्रतीक पर्व है, जो हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को पुण्य लाभ के लिए आकर्षित करता है।संयोजकों ने बताया कि इस वर्ष रथों की सजावट पारंपरिक शैली में की जा रही है, जो अब अंतिम चरण में है।
रथ-यात्रा सुबह 6 बजे श्री ठाकुर राम मंदिर गजिया टोला से प्रारंभ होकर त्रिमोहानी चौराहे तक पहुँचेगी, जहाँ पूरे दिन दर्शन और पूजन होंगे। शाम 4 बजे त्रिमोहानी चौराहे पर महाआरती के बाद रथ नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान करेगा। यात्रा मार्ग में बसनही बाजार, घंटाघर, खजांची चौराहा, वासलीगंज, गिरधर चौराहा, पेहटी चौराहा, तुलसी चौक, गुड़हट्टी, पानदरीवा, दक्षिण फाटक, पुरानी अंजही, टेढ़ीनीम और नारघाट शामिल हैं।
यात्रा का समापन पुनः गजिया टोला स्थित मंदिर प्रांगण में भव्य पूजन एवं आरती के साथ होगा।इस अवसर पर शहर के प्रमुख स्थलों पर विशेष सजावट, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल, प्रसाद और शीतल पेय स्टेशनों की व्यवस्था की गई है। साथ ही सुरक्षा के लिए स्वयंसेवकों और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, भीड़ नियंत्रण के उपाय, और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
ट्रस्ट के महामंत्री राकेश गुप्ता ने सभी भक्तों से शांतिपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में आयोजन में भाग लेने की अपील की। वहीं आयोजन प्रभारी बृजेश गुप्ता ने रथ-यात्रा को एक आध्यात्मिक संदेशवाहक बताते हुए इसे सेवा, भाईचारे और एकता का प्रतीक कहा।
संयोजक राहुल जैन ने यात्रा की रूपरेखा साझा करते हुए सभी नागरिकों से इसमें भाग लेकर भगवान जगन्नाथ की कृपा प्राप्त करने का अनुरोध किया।सभा में संरक्षक गौरव उमर ने आयोजन को भव्य और दिव्य बताते हुए मीडिया से अनुरोध किया कि वह इस धार्मिक आयोजन को जन-जन तक पहुँचाने में सहयोग करें।
कार्यक्रम में ट्रस्ट से जुड़े राकेश गुप्ता, मनोज दमकल, रवि शंकर साहू, राजेश माहेश्वरी, गौरव उमर, रूप नारायण अग्रहरि, गोपाल जी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।जय श्री जगन्नाथ!