मिर्ज़ापुर
मिर्जापुर और सोनभद्र को गर्मी में नहीं होगी पानी की कमी
मिर्जापुर। गर्मी के मौसम में मिर्जापुर और सोनभद्र जिले के किसानों और स्थानीय निवासियों को सिंचाई और पेयजल संकट से बचाने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मंडलायुक्त विन्ध्याचल मंडल बालकृष्ण त्रिपाठी की अध्यक्षता में राबर्ट्सगंज कलेक्ट्रेट सभागार में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें मिर्जापुर की जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, सोनभद्र के जिलाधिकारी बी.एन. सिंह, मुख्य विकास अधिकारी सोनभद्र जागृति अवस्थी सहित सिंचाई, नहर और विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में जल संकट को लेकर गहन चर्चा हुई, जहां जिलाधिकारी मिर्जापुर ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में जल स्तर नीचे जाने से हर साल गर्मी में पेयजल और सिंचाई की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है। इस चुनौती से निपटने के लिए सोन पम्प कैनाल के माध्यम से डोगिंया और अहरौरा डैम में पानी उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। बैठक में तय किया गया कि सोन पम्प कैनाल पर संचालित पांच पम्पों में से चार को सक्रिय कर पानी को घाघर के रास्ते डोगिंया और अहरौरा जलाशय तक पहुंचाया जाएगा।
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में डोगिंया जलाशय की क्षमता 28 एमसीएम है, लेकिन इसमें केवल 12 एमसीएम पानी उपलब्ध है। वहीं, अहरौरा डैम की क्षमता 60 एमसीएम होने के बावजूद उसमें मात्र 6 एमसीएम पानी है। इस कमी को दूर करने के लिए प्रशासन ने 300 क्यूसेक्स पानी की मांग का प्रस्ताव भेज दिया है।
मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि गर्मी के मौसम में जल संकट को रोकने के लिए पहले से ही योजना बनाकर कार्यवाही की जाए। इसके तहत, मार्च और अप्रैल में ही पम्पों को पूरी क्षमता के साथ संचालित कर डैमों को भरने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा, नहरों की नियमित निगरानी और अवैध कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन का यह कदम न केवल किसानों के लिए राहत लेकर आएगा बल्कि आम जनता को भी पीने के पानी की समस्या से बचाएगा। गर्मी में पानी की कमी से जूझने वाले क्षेत्रों के लिए यह निर्णय बेहद अहम साबित होगा।