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महिला सशक्तिकरण तहत किया गया महिलाओं को जागरूक
रिपोर्ट:प्रवीण कुमार सिंह
लोहता। शहर में इन दिनों महिला सशक्तिकरण व महिलाओं के सुरक्षा एवं जागरूकता को लेकर महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है। दी गई हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी पुलिस ने गांव-गांव जाकर मिशन शक्ति के तहत महिलाओं, युवतियों को आत्मरक्षा के लिये जागरूक करने की मुहिम चला रही है। लोहता थाना छेत्र के ग्राम भट्ठी में पुलिस ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। महिलाओं को इसका सदैव एहसास होना चाहिए।
महिला सशक्तिकरण के तहत मंगलवार को लोहता थाना क्षेत्र के ग्राम भट्ठी (प्राथमिक विद्यालय स्थित भगवती माता मंदिर) में महिला आरक्षी ने महिलाओं, बालिकाओं को जागरूक करते हुए कहा कि कहीं आते-जाते यदि रास्ते में या फिर कहीं कोई मनचला आपको परेशान करे तो घबराएं नहीं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए आप लोग खुद एक्टिव रहे टोल फ्री नंबर पर कॉल करके तत्काल पुलिस को सूचना दें। इस दौरान उपस्थित महिलाओं को वूमेन पावर हेल्प लाइन-1090, महिला हेल्प लाइन नंबर-181, पुलिस कंट्रोल नंबर-112, चाइल्ड हेल्पलाइन-1098 आदि के बारे में भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे क्षेत्राधिकारी अखिलेश राय ने ठेठ भोजपुरी भाषा में महिलाओं को महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूक किया। वहीं मुख्य अतिथि रहीं बुद्धा पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या उषा देवी ने महिलाओं, युवतियों को किसी भी ज्यादती के खिलाफ जमकर आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने महिलाओं के लिए विशेष हेल्पलाइनों का भी जिक्र किया। ग्राम प्रधान बेबी सिंह ने भी महिलाओं से हर समस्या का समाधान करने की अपनी संकल्पता को दोहराया। कार्यक्रम का संयोजन खुद थानाध्यक्ष लोहता राजेश सिंह ने किया। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित रहे। सभी लोगों को जलपान की व्यवस्था प्रधान प्रतिनिधि परमानंद सिंह ने किया। इस दौरान ग्राम पंचायत सचिव विजय कुमार, निहाला सिंह, प्रमोद सिंह, रिंकू सिंह, संजय सिंह, शिवलाल चौहान, सुखमनी देवी, अंजनलता, प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिकाएं सहित आदि मौजूद रहे।
क्या है महिला सशक्तिकरण
‘महिला सशक्तिकरण’ के बारे में जानने से पहले हमें ये समझ लेना चाहिये, कि हम ‘सशक्तिकरण’ से क्या समझते है। ‘सशक्तिकरण’ से तात्पर्य किसी व्यक्ति की उस क्षमता से है, जिससे उस व्यक्ति में वह योग्यता आ जाती है, जिसमें वो अपने जीवन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं ले सके, और खुद के बारे में उचित और अनुचित न्याय कर सके। महिला सशक्तिकरण में भी हम उसी क्षमता की बात कर रहे हैं, जहाँ महिलाएँ परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णयों की निमार्ता खुद हों।