पूर्वांचल
महिला की शिकायत पर सुरियावां थाने का हेड कांस्टेबल गिरफ्तार

रिपोर्ट - अब्दुल वाहिद
भदोही। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी पहल भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का आंशिक असर मंगलवार को दोपहर बाद सुरियावां थाने पर सामने आया। थाने में ही तैनात मुख्य आरक्षी (हेड कांस्टेबल) सुरेन्द्र प्रताप को मैनपुरी की एक महिला से दो लाख 30 हजार रुपये बतौर रिश्वत लेने के आरोप में वही पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजने की व्यस्तता दिखाई जो अब तक मुख्य आरक्षी के साथ पीड़ितों पर धौंस दिखाती रही। ऐसा इसलिए हो सका कि मैनपुरी की महिला ने IGRS पर शिकायत दर्ज कराकर जिले की कप्तान को पद के साथ वर्दी की धारणा का अहसास कराया था। लोगों में जगी जिज्ञासा की सराहना करते हुए कप्तान से विश्वास जताया है कि पुलिस के अन्य विंग में तैनात जिम्मेदारों की परख आगे तक कायम रहेगा या नहीं।
एएसपी तेजवीर सिंह ने बताया कि मैनपुरी की महिला का आरोप है कि सुरियांवा थाने पर तैनात मुख्य आरक्षी सुरेन्द्र प्रताप उसके पति गिरीश कुमार को असंवैधानिक तरीके से हिरासत में लेकर आपराधिक मामलों में संलिप्त होने का झूठा आरोप मढ़ा गया और गंभीर वैधानिक कार्यवाही एवं परिणाम भुगतने का भय दिखाकर मुझसे दो लाख पांच हजार रूपये की डिमांड की गई। डिमांड के सापेक्ष 25 हजार अधिक यानि दो लाख 30 हजार गूगल पे करा लिया।
मामले की जांच क्षेत्राधिकारी भदोही से कराने पर सच्चाई उजागर हो गई कि मुख्य आरक्षी ने अपने अज्ञात सहयोगियों के साथ 25 मार्च को वाराणसी रेलवे स्टेशन के पास एसओजी कर्मी बनकर उक्त धनराशि हजम करने ताना-बाना बुना है जो अपराध है। कप्तान मीनाक्षी कात्यायन के निर्देश पर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का अनुपालन कराते हुए मुख्य आरक्षी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर गिरफ्तारी की गई। इस अपराध में शामिल अज्ञातों तक पहुंचने की सरगर्मी पुलिस टीम ने तेज कर दी है और आगे विभागीय कार्रवाई भी होगी।