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महाकुंभ 2025: अटल अखाड़े की भव्य छावनी प्रवेश यात्रा में दिखा परंपरा और अनुशासन का संगम

प्रयागराज। संगम नगरी में आयोजित महाकुंभ 2025 के अखाड़ा सेक्टर में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। इस अवसर पर संतों के अनुशासन और परंपरा की झलक देखने को मिली। यात्रा के दौरान महाकुंभ मेला प्रशासन ने संतों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
भगवान गजानन के साथ अखाड़े का महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश
आदि शंकराचार्य द्वारा छठी शताब्दी में स्थापित अखाड़ों की परंपरा का निर्वाह करते हुए अटल अखाड़ा बुधवार को महाकुंभ क्षेत्र में पहुंचा। अलोपीबाग स्थित अखाड़े के मुख्यालय से शुरू हुई यह यात्रा सेक्टर 20 तक पहुंची। सबसे आगे भगवान गजानन की सवारी और उनके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।
नागा संन्यासियों का दिखा भव्य प्रदर्शन
अटल अखाड़े की इस यात्रा में नागा संन्यासियों की फौज श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी रही। यह पहला अवसर था जब नागा संन्यासिनियां भी इस यात्रा में शामिल हुईं। साथ ही, एक बाल नागा भी श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रहा था। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती के अनुसार, इस यात्रा में दो दर्जन से अधिक महामंडलेश्वर और 200 से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे।

“सूर्य प्रकाश” भाले ने खींचा ध्यान
अखाड़े की प्रवेश यात्रा में “सूर्य प्रकाश” नामक भाले को विशेष महत्व दिया गया। यह भाला केवल महाकुंभ के अवसर पर ही अखाड़े के आश्रम से बाहर लाया जाता है और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनता है। फूलों से सजे इस भाले ने परंपरा और श्रद्धा का प्रतीक बनकर यात्रा में एक अलग ही चमक भर दी।
रास्ते में हुआ संतों का भव्य स्वागत
पांच किलोमीटर की दूरी तय कर अखाड़े की यात्रा सेक्टर 20 में स्थित छावनी में पहुंची। इस दौरान महाकुंभ मेला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा कर संतों का स्वागत किया। यात्रा में शामिल रथों पर सवार संतों का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ सड़कों के दोनों ओर उमड़ पड़ी।
महाकुंभ 2025 में अटल अखाड़े का यह प्रवेश सनातन परंपरा की भव्यता और श्रद्धा का अद्भुत प्रदर्शन था। श्रद्धालुओं के बीच इस यात्रा ने महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व को और भी गहरा कर दिया।