Connect with us

बलिया

महंत कौशलेंद्र गिरि बने महामंडलेश्वर 

Published

on

रसड़ा (बलिया) । सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और उत्थान के उद्देश्य से श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने श्रीनाथ मठ, रसड़ा के महंत कौशलेंद्र गिरि को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में संत समाज की सहमति से यह निर्णय लिया गया, जिससे उनके नेतृत्व में सनातन धर्म को नई दिशा मिलेगी।

महंत कौशलेंद्र गिरि को 20 जून 2011 को ब्रह्मलीन महंत शंभु गिरि जी महाराज ने 16 वर्ष की आयु में दीक्षा दी थी। अब वे महामंडलेश्वर स्वामी कौशलेंद्र गिरि जी के नाम से पहचाने जाएंगे। 2 फरवरी को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर प्रयागराज में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी द्वारा उनका पट्टाभिषेक किया गया।

इस दौरान आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद जी, अखाड़े के सचिव महंत यमुना पुरी जी सहित अन्य साधु-संत उपस्थित रहे।

26 जनवरी को उन्होंने अखाड़े से नागा संस्कार, उपदेश और विधिवत दीक्षा ग्रहण की थी। रविवार को संत समाज ने उन्हें विधि-विधानपूर्वक चादर ओढ़ाकर व माला पहनाकर महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की। इस सम्मान से जिलेभर के श्रद्धालुओं में हर्ष का माहौल है।

कार्यक्रम के समापन पर भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। अंत में श्री श्री 1008 स्वामी कौशलेंद्र गिरि जी महाराज ने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया।

Advertisement

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page