मिर्ज़ापुर
मड़िहान में लचर पुलिस व्यवस्था से जनमानस में आक्रोश, डग्गामार वाहन बना रहे हादसों का कारण

मीरजापुर जिले की मड़िहान तहसील में पुलिस प्रशासन की लापरवाही और ढीले रवैये से आम जनता में भारी असंतोष देखा जा रहा है। तहसील के अंतर्गत आने वाले विभिन्न थानों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। संतनगर थाना क्षेत्र के दीपनगर बाजार से मीरजापुर और लालगंज कलवारी तक डग्गामार वाहन खुलेआम ओवरलोड सवारियों के साथ सड़कों पर दौड़ते नजर आते हैं। इन वाहनों पर न कोई रोक है, न किसी नियम का पालन।
हाल ही में चुनरी बांध के पास एक डग्गामार वाहन पलट गया, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।हादसे के बाद पुलिस ने जिम्मेदारी लेने के बजाय दोष परिवहन विभाग पर डाल दिया। हैरानी की बात यह है कि दीपनगर बाजार में पुलिस ड्यूटी पर मौजूद रहती है, फिर भी ओवरलोड वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस डग्गामार वाहनों से अवैध वसूली करती है, इसीलिए आंख मूंदे रहती है।सिर्फ ट्रैफिक ही नहीं, बल्कि अपराध के अन्य मामलों में भी पुलिस की निष्क्रियता सामने आ रही है। संतनगर थाना क्षेत्र में जगह-जगह मादक पदार्थों की बिक्री जोरों पर है। कई सड़क हादसों में वाहन चालकों के शरीर में शराब की मात्रा पाई गई है। दूसरी ओर मड़िहान थाना क्षेत्र में चोरियों की घटनाएं आम होती जा रही हैं। कुछ महीने पहले मड़िहान वन रेंज कार्यालय से 25 बैटरियां चोरी हो गई थीं।
हालाँकि पुलिस ने बाद में बैटरियां बरामद कर लीं, लेकिन यह घटना थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर हुई, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं।पटेहरा चौकी क्षेत्र के रजौहां गांव में लाखों की चोरी हुई, जिसका अब तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है। शेरूवां गांव में दिनदहाड़े एक दुकानदार से बाइक और हजारों रुपये की लूट हो गई, फिर भी पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
राजगढ़ थाना क्षेत्र में भी हालात अच्छे नहीं हैं। थाना प्रभारी का रवैया मीडिया के प्रति कठोर है, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि थाना प्रभारी मीडिया को दबाने की कोशिश करते हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्ती नहीं दिखाते।
नदीहार बाजार में हर तीसरे दिन चोरी की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस मौन है।क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इन थाना क्षेत्रों के इंचार्जों को उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, तभी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। जहां एक ओर योगी सरकार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का दावा करती है, वहीं मड़िहान तहसील में कानून-व्यवस्था की हालत बद से बदतर होती जा रही है।