वाराणसी
भ्रष्टाचार पर सख्त हुए पुलिस कमिश्नर, लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कसेगा शिकंजा
वाराणसी। लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मामलों के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों और अनियमितताओं में लिप्त कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। भ्रष्टाचार या आपराधिक मामलों में संलिप्त पुलिसकर्मियों की सत्यनिष्ठा रोकने और उनके खिलाफ मजबूत विभागीय जांच सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
लम्बित फाइलों का तत्काल निस्तारण का निर्देश
पुलिस आयुक्त ने बुधवार को कैंप कार्यालय में विभिन्न शाखाओं में लंबित और निस्तारित प्रकरणों की समीक्षा की। प्रधान लिपिक शाखा समेत सभी शाखाओं को निर्देश दिया गया कि किसी भी फाइल को अनावश्यक रूप से लंबित न रखा जाए। यदि कोई पत्रावली लंबित पाई गई, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए लिपिक होंगे निलंबित
पुलिस कर्मियों को फाइल निस्तारण में चक्कर न काटने पड़े, इसके लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए लिपिकों को निलंबित कर जेल भेजने की भी बात कही गई। पुलिसकर्मियों के टीए, मेडिकल बिल और अन्य भत्तों का भुगतान शीघ्र करने का निर्देश दिया गया है।
पेंशन और भत्तों पर विशेष ध्यान
पुलिस आयुक्त ने पेंशन, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, मृतक आश्रित भर्ती, भवन निर्माण और मरम्मत जैसे मामलों को प्राथमिकता से निपटाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के चरित्र पंजिका पर वार्षिक मंतव्य अद्यतन करने और स्थानांतरण पर संबंधित जनपद से पत्राचार कर जानकारी सुनिश्चित की जाए।
डीसीपी करेंगे साप्ताहिक समीक्षा
मुख्यालय स्तर पर लंबित प्रकरणों की साप्ताहिक समीक्षा की जिम्मेदारी डीसीपी (मुख्यालय) को सौंपी गई है। इसके अलावा, हर महीने सैनिक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें पुलिसकर्मियों से लिपिक शाखा के कामकाज और व्यवहार का फीडबैक लिया जाएगा।
लिपिकों की जवाबदेही तय होगी
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि पुलिसकर्मी 24 घंटे ड्यूटी करते हैं, ऐसे में उनका कल्याण प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। अनावश्यक रूप से फाइलों को लंबित रखने वाले लिपिकों की जवाबदेही तय की जाएगी।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
समीक्षा बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. के. एजिलरसन, पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) प्रमोद कुमार, सहायक पुलिस आयुक्त (आंकिक) गौरव कुमार समेत संबंधित शाखा प्रभारी उपस्थित रहे। पुलिस आयुक्त ने सभी शाखा प्रमुखों को फाइलों के निस्तारण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।