गाजीपुर
भीमापार बाजार से मखदुमपुर तक आरएसएस का पथ संचलन सम्पन्न

भीमापार (गाजीपुर)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सैदपुर खंड संचालक अजय, जिला विद्यार्थी कार्य प्रमुख जितेंद्र एवं जौनपुर पर्यावरण विभाग प्रमुख संजय के नेतृत्व में पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह पथ संचलन भीमापार स्थित दुर्गा मंदिर से प्रारंभ होकर मखदुमपुर तक सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत में दुर्गा मंदिर भीमापार में संघ के क्षेत्रीय स्वयंसेवक एकत्र हुए। वहां खंड संचालक अजय ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए बताया कि यह पथ संचलन कार्यक्रम पूरे भारत में संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी, जिनका उद्देश्य राजनीति से परे एक राष्ट्रनिष्ठ संगठन का निर्माण करना था। वर्ष 2025 में संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा है।
अपने संबोधन में उन्होंने संघ के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक तीन बार कांग्रेस सरकारों द्वारा संघ पर प्रतिबंध लगाया गया है:
1. पहली बार, महात्मा गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन कांग्रेसी सरकार ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था और तत्कालीन संघ प्रमुख श्री गुरुजी को जेल भेज दिया गया था।
2. दूसरी बार, वर्ष 1975 में इमरजेंसी के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन में प्रतिबंध लगाया गया।
3. तीसरी बार, 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना के बाद पी. वी. नरसिंह राव की सरकार ने संघ पर प्रतिबंध लगाया।
तीनों अवसरों पर, संघ ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करते हुए प्रतिबंध को शांति एवं संयम से स्वीकार किया। जांच-पड़ताल के उपरांत संघ को हर बार निर्दोष पाया गया और प्रतिबंध हटा लिया गया।
अंत में, अजय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज भी अपने मूल उद्देश्य राष्ट्र सेवा, सामाजिक समरसता और संगठन के बल पर भारत को परम वैभव पर पहुँचाने के कार्य में निरंतर लगा हुआ है।