वाराणसी
भाविप ‘‘काशी’’ के सदस्यों ने गुरू वन्दन कर कांचीकामकोटि शंकराचार्य शंकर विजेन्द्र सरस्वती से आशीष प्राप्त किया
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी। भारत विकास परिषद काशी के तत्वाधान में राजा चेतसिंह किला परिसर में गुरु वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां संस्था के सदस्यों ने गुरु श्री कांची कामकोटि पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती का वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस मौके पर सचिव गौरव गुप्ता ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर का रूप माना गया है। ईश्वर भी जब धरती पर अवतरित होते हैं तो गुरु से शिक्षा पाकर अपने आप को धन्य समझते हैं। संस्कृति एवं सेवा सप्ताह के अंतिम पड़ाव में गुरु श्री कांची कामकोटि पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती का दर्शन, सानिघ्य एवं आशिर्वाद प्राप्त कर हम सभी के भाग्य उदय हो गए।
श्री कांची कामकोटि पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती ने आशीर्वाद स्वरुप कहा कि बड़ी कठिनाई के बाद भारत स्वतंत्र हुआ है। धर्म के लिए प्रचार करना भी स्वतंत्र भारत का उद्देश्य होना चाहिए। जैसा कि हमारे पूर्वजों ने अपनी साक्षमता के अनुसार रूप धर्म का विस्तार किया और आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म व्यापक है और परिवार धर्म का हिस्सा है, जिसका आचरण करना चाहिए। काशी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि काशी लघु भारत है और काशी के विकास से ही अन्य तीर्थ स्थलों और तीर्थ स्थलों से प्रदेश व देश का विकास संभव है।
गुरु वंदन कार्यक्रम का संयोजन हरीश वालिया, सुप्रिया जरिया, काजल गौतम, जीवन खन्ना ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से कार्यक्रम पर्यवेक्षक रजत मोहन पाठक, सेवा एवं संस्कृति प्रकल्प प्रमुख विशाल कपूर, सेवा एवं संस्कृति सप्ताह संयोजक संतोष जरिया, सचिव गौरव गुप्ता, संजय अग्रवाल, भारती पाठक, अरविन्द अग्रवाल, संजीव खेमका, अनिता जसरापुरिया, अनिता अग्रवाल, हिना मल्होत्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रही।
