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गाजीपुर

“भारत वासना का नहीं, साधना का देश” : भवानी नंदन महाराज

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गाजीपुर। सिद्धपीठ हथियाराम मठ में पारंपरिक रूप से शांति पूजन, शास्त्र पूजन, शास्त्र वंदन, ध्वज पूजन, शिव पूजन और शाम पूजन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सत्संग सभा में सिद्धपीठ के 26वें पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति महाराज ने कहा कि लगभग 900 वर्ष पुराना यह मठ सिद्ध संत महात्माओं की तपोस्थली रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत वासना का नहीं, बल्कि साधना का देश है। यहां ऋषियों के चिंतन के साथ चरित्र की शिक्षा दी जाती है। अगर साधना छोड़ दी जाए तो भारत की पहचान मिट जाएगी। इसी कारण साधना और तपस्या का महत्व बनाए रखना जरूरी है।

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और संस्कारों की ओर ध्यान दें। इस अवसर पर कुलपति कविता साहू ने कहा कि हमारे देश की प्रगति में गुरु-शिष्य परंपरा और संस्कारों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है।

कार्यक्रम में न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार, डॉ. आनंद तिवारी, देवराहा बाबा, एकलव्य प्रकाश, डॉ. ओमप्रकाश दुबे, शुभम सिंह लल्ला, संत अम्बिका नंदन, विनोद सिंह, संत अमरनाथ मिश्रा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अंत में महंतों द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया।

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