खेल
भारत ने दूसरी बार जीता महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब
फाइनल में चीन को 1-0 से हराया
राजगीर। भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर खिताब अपने नाम किया। महिला हॉकी के इस रोमांचक मुकाबले में भारत की ‘गोल्डन गर्ल’ दीपिका ने टूर्नामेंट का अपना 11वां गोल दागकर टीम को जीत दिलाई।
पहला हाफ दोनों टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, जहां भारत और चीन गोल करने में असफल रहे। लेकिन दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत ने अपने इरादे जाहिर कर दिए। लालरेम्सियामी द्वारा अर्जित पेनल्टी कॉर्नर पर दीपिका ने शानदार फ्लिक करते हुए गोल किया, जिसने बिहार खेल विश्वविद्यालय स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
भारत का नियंत्रण, चीन हुआ पस्त
फाइनल में भारत का प्रदर्शन बेहद अनुशासित और संगठित रहा। हालांकि, तीसरे क्वार्टर में भारत के पास बढ़त को दोगुना करने का मौका था। 42वें मिनट में मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर दीपिका का शॉट चीन की गोलकीपर ने बेहतरीन डाइव लगाकर बचा लिया।
चौथे क्वार्टर में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन वैरिएशन असफल रहा। दूसरी ओर, चीन ने भी शुरूआती मिनटों में दबाव बनाने की कोशिश की और पहले हाफ में दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए, लेकिन भारतीय गोलकीपर बिछू देवी ने उन्हें गोल में बदलने का मौका नहीं दिया।
सेमीफाइनल में कमजोर शुरुआत, फाइनल में बेहतरीन अंत
सेमीफाइनल में जापान के खिलाफ कमजोर फिनिशिंग के कारण भारत ने 16 पेनल्टी कॉर्नर में से एक भी गोल नहीं किया था। लेकिन फाइनल में टीम ने संयम और कौशल का प्रदर्शन करते हुए खुद को साबित किया। तो वहीं, तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में जापान ने मलेशिया को 4-1 से हराकर कांस्य पदक जीता।
भारत का अब तक का सफर
भारतीय महिला हॉकी टीम ने इससे पहले 2016 में सिंगापुर और 2023 में रांची में यह खिताब जीता था। इस बार भी टीम ने अपने शानदार तालमेल और साहसिक खेल से साबित कर दिया कि वह एशिया की बेस्ट टीम है। भारतीय टीम की यह जीत न केवल खिलाड़ियों के कौशल को दर्शाती है, बल्कि देश के लिए हॉकी के बढ़ते महत्व को भी रेखांकित करती है।