वाराणसी
भारतवासियों को गौ माँ के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कटिबद्ध होना होगा-कथा व्यास आस्था भारती
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी| भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास सुश्री आस्था भारती ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर अपने भक्तों का उद्धार व दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब इस भूधरा पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान स्वयं धरती पर अवतरित होते हैं।
दिव्य ज्योति जागृत संस्थान द्वारा आयोजित बीएचयू सुन्दरपुर स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान लॉन में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को आशुतोष महाराज की शिष्या कथा व्यास सुश्री आस्था भारती जी ने बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब पृथ्वी पर अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान श्री कृष्ण को स्वयं अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। आधी रात को भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए।
तीसरे दिन कथा यजमान श्री काशी अग्रवाल समाज के सभापति संतोष कुमार अग्रवाल(हरे कृष्ण ज्वेलर्स) ने बताया कि यह श्री मदभागवत कथा 30 मई तक चलेगा।कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालुगण धन्य हो गए।
कथा शुरू होने से पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ पद्मश्री स्वामी शिवानंद महाराज, श्री काशी अग्रवाल समाज के सभापति संतोष कुमार अग्रवाल (हरे कृष्ण ज्वेलर्स), रंजना अग्रवा, पीयूष अग्रवाल, अनिल जाजोडिया, आनंद स्वरुप अग्रवाल, नारायण खेमका,स्मिता लोहिया, गायत्री देवी अग्रवाल, मीना अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलन कर किया। कार्यक्रम में स्वागत मीना अग्रवाल संचालन स्वामी अर्जुनानंद जी, आदित्यनंद जी ने किया। उक्त अवसर पर श्री काशी अग्रवाल समाज के बजरंग अग्रवाल अमोद अग्रवाल,सलिल अग्रवाल, अर्चना अग्रवाल, अमरचंद अग्रवाल सहित पूरा प्रांगण परिसर श्रोताओं से भरा रहा।