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वाराणसी

भगवान बुद्ध समरसता और सामाजिक समानता के समर्थक- राज्यपाल

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बौद्ध सर्किट के विकास के लिए केंद्र सरकार समर्पित- केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री
महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध के आदर्शों पर चलने का संदेश दिया
आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सारनाथ में धर्मचक्रप्रवर्तन दिवस का आयोजन
धर्मचक्रप्रवर्तन दिवस के आयोजन में करीब 400 बौद्ध भिक्षुओं ने लिया हिस्सा

सारनाथ। भगवान बुद्ध समरसता के समर्थक, सामाजिक समानता पर जोर देने वाले और अंधविश्वास से दूर रहने का संदेश देते हैं। उनका संदेश बुद्धि और विवेक की शरण में जाने का है। भगवान बुद्ध निरंतर बुद्धि को शुद्ध करने का भी संदेश देते हैं। ये बातें आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सारनाथ में बुधवार को धर्मचक्रप्रवर्तन दिवस के दौरान महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेशों को अपनाकर ही विश्व में फैले अराजकता से मुक्ति पाया जा सकता है। दुनिया को भगवान बुद्ध के उपदेशों पर चलने की बहुत जरूरत है। उनके द्वारा सैंकड़ों वर्ष पूर्व दिए गए उपदेश आज भी समाज की प्रगति के लिए सार्थक है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) नई दिल्ली की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की भी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के दौरान महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रिकॉर्डेड संदेश का भी प्रसारण हुआ। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा कि भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश में आंतरिक शांति पर जोर दिया गया है। उनके आदर्शों पर चलकर हम संवेदनशील विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश पढ़ा। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में विश्व शांति के लिए भगवान बुद्ध के उपदेशों और आदर्शों पर चलने की अपील की। उन्होंने कहा की महात्मा बुद्ध अपने विचारों के साथ अभी भी हम लोगों के साथ हैं। आज हर व्यक्ति सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए मार्गदर्शन चाह रहा है। महात्मा बुद्ध के उपदेश और ज्ञान इसके सबसे बड़े स्रोत हैं। आत्मविकास के साथ-साथ समाज और देश के विकास में महात्मा बुद्ध की ओर से दिए प्रवचन महत्वपूर्ण हैं।
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने अपने कहा कि केंद्र सरकार बुद्धा सर्किट के विकास और बौद्ध पर्यटकों को बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।
कार्यक्रम के पूर्व महामहिम राज्यपाल और केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने धमेख स्तूप और मूलगंध कूटी विहार में पूजा अर्चना व प्रार्थना की। इस मौके पर विश्व शांति के लिए 400 से अधिक बौद्ध भिक्षु धम्मचक्र प्रवर्तन सूत्र का पाठ किया। कार्यक्रम के दौरान आईबीसी के महासचिव धम्मपिया, संयुक्त सचिव श्रीमती अमिता प्रसाद साराभाई और डीजे अभिजीत हलदर भी उपस्थित रहे।

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