वाराणसी
बिना GST पंजीकरण झूला-सर्कस चलाना पड़ेगा महंगा

अर्पिता राय ने दी कड़ी चेतावनी
वाराणसी। झूला, सर्कस, स्टेज शो, डिस्को और प्रदर्शनी जैसे मनोरंजन आयोजनों के लिए अब बिना जीएसटी पंजीकरण कार्यक्रम करना आयोजकों को भारी पड़ सकता है। राज्य कर विभाग की सहायक आयुक्त एवं मनोरंजन प्रभारी अर्पिता राय ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि पंजीयन व अनुमति के बिना कार्यक्रम आयोजित करने वालों पर 20,000 रुपये तक का जुर्माना और सख्त कार्रवाई तय है।
अर्पिता राय ने स्पष्ट किया कि मनोरंजन कर समाप्त होने के बाद अब इस क्षेत्र की पूरी निगरानी जीएसटी विभाग के अधीन है। किसी भी अस्थायी मनोरंजन कार्यक्रम के लिए आयोजकों को कम से कम पांच दिन पहले “कैजुअल टैक्सपेयर” के रूप में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। साथ ही, आयोजन से पूर्व जिला प्रशासन से अनुमति लेना भी जरूरी होगा। नियमों के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई तय है।
उन्होंने बताया कि झूला, स्टेज शो, प्रदर्शनी और डिस्को जैसे आयोजनों के लिए टेंपरेरी पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरल है। आयोजक मामूली एडवांस टैक्स जमा कर कार्यक्रम पूरा होने के बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ भी उठा सकते हैं। लेकिन बिना पंजीकरण या प्रशासनिक अनुमति के किया गया आयोजन अवैध माना जाएगा।
अर्पिता राय ने यह भी जानकारी दी कि काशी में पहले 35 से अधिक सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल थे, परंतु अब केवल चार ही बचे हैं आनंद मंदिर, गंगा पैलेस, भागवानी और सिनेमा क्लब। इसके अलावा चार मल्टीप्लेक्स आईपी सिगरा, आईपी विजया, पीडीआर और जेएचवी शहर में सक्रिय हैं। वहीं, छोटू महाराज ग्रुप द्वारा संचालित दो ट्रैवलिंग सिनेमा भी मढ़ौली और बाबतपुर क्षेत्रों में चल रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार पुराने बंद सिनेमाघरों को पुनः चालू करने और नए मल्टीप्लेक्स खोलने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है। इच्छुक व्यापारियों को नीति के तहत हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
आयोजकों और आमजन से अपील करते हुए अर्पिता राय ने कहा कि कोई भी मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित करने से पहले नियमों का पालन करें और अनिवार्य पंजीकरण कराना न भूलें। नियमों की अनदेखी अब किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।