वाराणसी
बाबा काल भैरव के बाल स्वरूप दर्शन को भक्त लालायित, जन्मोत्सव पर 101 लीटर दूध से होगा अभिषेक
वाराणसी में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्रीकालभैरव अष्टमी का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन बाबा कालभैरव का बालरूप दर्शन का विशेष अवसर होगा, जो रात 12 बजे से 1 बजे तक रहेगा। बाबा के जन्मोत्सव पर यह विशेष दर्शन केवल इसी दिन होते हैं। 23 नवंबर को बाबा के जन्मोत्सव के अवसर पर 101 लीटर दूध से अभिषेक और सवा लाख बातियों से आरती की जाएगी।
1001 क्विंटल का केक तैयार किया जाएगा जिसमें फल, किशमिश, पिस्ता, मेवा और देसी घी का उपयोग होगा। मंदिर के गर्भगृह से लेकर आसपास की सड़कों तक भव्य सजावट की जाएगी। भक्त बड़ी संख्या में दर्शन-पूजन के लिए उमड़ेंगे, जबकि अन्य अष्ट भैरव मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना होगी।
मंदिर के महंत के अनुसार सुबह से ही बाबा का श्रृंगार शुरू होगा। 101 लीटर दूध से स्नान, दही और सिंदूर लेपन किया जाएगा। बाबा को वस्त्र धारण करवाने के बाद फूलों का हार पहनाया जाएगा। नैवेद्य के रूप में मदिरा, चीनी का घोड़ा, नीलकंठ के फूल और फल अर्पित किए जाएंगे। मंगला आरती के बाद भक्तों के दर्शन-पूजन के लिए मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। रात में फिर से बाबा का श्रृंगार और सवा लाख बातियों से आरती की जाएगी।
इस भव्य आयोजन में देश-विदेश से हजारों भक्त शामिल होंगे। इसके साथी ही साथ शिव भक्त बाबा काल भैरव का बालसरूप देखने के लिए लालायित है। प्रसाद के रूप में 1008 लीटर पंचमेवा दूध और दो क्विंटल बूंदी का वितरण किया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने कालभैरव रूप में अवतार लिया था।
उनके दर्शन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और कर्ज, रोग, शोक जैसी समस्याओं का निवारण होता है। मघा नक्षत्र में मनाए जाने वाले इस पर्व पर भक्तों का आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।