बलिया
बाढ़ से निपटने का पूर्वाभ्यास, आपदा से बचाव की दी जानकारी

बलिया। नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले से ही सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। गुरुवार को जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के निर्देश पर गंगा नदी के उजियार घाट पर मॉक ड्रिल (पूर्वाभ्यास) किया गया, ताकि आपातकालीन स्थिति में राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो।अभ्यास में बाढ़ के दौरान डूबते व्यक्ति को बचाने और पानी से घिरे गांवों से लोगों को निकालने का सजीव प्रदर्शन किया गया।
इसके साथ ही एक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें दवा वितरण, कीटनाशक छिड़काव, पशु चिकित्सा और बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं देने की रणनीति साझा की गई।जिला आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह ने लोगों को बाढ़ के समय किए जाने वाले जरूरी उपायों और बचाव तकनीकों की जानकारी दी।
मॉक ड्रिल सुबह 9 बजे शुरू हुई, जिसमें इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को सूचना दी गई कि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है और एक गांव चारों ओर से पानी से घिर गया है। इसके बाद कंट्रोल रूम को वायरलेस के जरिए सूचित किया गया।रेड क्रॉस सोसायटी बलिया और नरही के अधीक्षक डॉ. पंकज ने प्राथमिक उपचार व सर्पदंश से बचाव पर अभ्यास कराया। एनडीआरएफ टीम के निरीक्षक राम यज्ञ शुक्ला के निर्देशन में CPR (हृदय पुनर्जीवन प्रक्रिया) का प्रशिक्षण भी दिया गया और डूबते व्यक्ति को सुरक्षित निकालने का तरीका प्रदर्शित किया गया।इस दौरान आपदा मित्र धर्मेंद्र कुमार ने नदी के बीच आधे घंटे तक स्थिर रहकर जीवित रहने का प्रदर्शन किया, जिसे देखकर मौजूद लोगों ने तालियों से स्वागत किया।
मॉक ड्रिल में बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित निकालकर एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजने की प्रक्रिया का भी पूर्वाभ्यास हुआ।इसके बाद हुई गोष्ठी में सभी विभागों की तैयारियों की समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य विभाग के डॉ. संजीव वर्मन, पशुपालन विभाग के डॉ. एस के मिश्र, रेड क्रॉस सोसायटी से शैलेन्द्र पांडेय, नेहरू युवा केंद्र से कपिल देव, और सिटी मजिस्ट्रेट आशा राम वर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने अपने विचार रखे। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट नवीन शर्मा ने कहा कि जनजागरूकता आपदा प्रबंधन का सबसे सशक्त हथियार है।
कार्यक्रम में नायब तहसीलदार सदर, खंड विकास अधिकारी सोहाव, बाढ़ विभाग, लोक निर्माण विभाग, अग्निशमन विभाग, स्काउट गाइड, और भारी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे। संचालन एनडीआरएफ के निरीक्षक राम यज्ञ शुक्ला ने किया।