अपराध
बलूचिस्तान में बस रोककर सात पंजाबियों की हत्या, आईडी कार्ड देखकर मारी गोली

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बुधवार को एक दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ। अज्ञात बंदूकधारियों ने लाहौर जा रही एक बस को नेशनल हाईवे पर बैरिकेड लगाकर रोका। इसके बाद सभी यात्रियों के ID कार्ड चेक किए और पंजाब के रहने वाले 7 यात्रियों को बस से उतारकर गोली मार दी।
हमलावरों ने पीड़ितों को जबरदस्ती पास के पहाड़ों की ओर ले जाकर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 10-12 आतंकी इस वारदात में शामिल थे, जिनके पास अत्याधुनिक क्लाशिनकोवा राइफलें थीं।
अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे उग्रवादी समूह पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है, लेकिन हमलावर भागने में सफल रहे।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
यह पहली बार नहीं है जब बलूचिस्तान में इस तरह की घटना हुई है। अगस्त 2024 में भी आतंकियों ने ID कार्ड चेक करके 23 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। उस हमले की जिम्मेदारी BLA ने ली थी।
बलूचिस्तान में क्यों बढ़ रही हिंसा?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे गरीब और उपेक्षित इलाका है, जहां दशकों से अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं। BLA और अन्य बलूच उग्रवादी संगठन पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण किया जा रहा है और स्थानीय लोगों को उनका हक नहीं मिल रहा।
CPEC भी बना विवाद का कारण
चीन और पाकिस्तान के बीच बन रही चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना ने भी इस क्षेत्र में असंतोष बढ़ा दिया है। बलूच अलगाववादी इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि चीन उनके इलाके में बिना सहमति के अपना प्रभुत्व बढ़ा रहा है।बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा और आतंकी गतिविधियां पाकिस्तान सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी हैं।