बलिया
बलिया में पत्रकार पर हमला,भ्रष्टाचार उजागर करने की सजा

बलिया जिले के मुरली छपरा ब्लॉक के कोड़हरा नौबरार ग्राम सभा में पत्रकार पर हमला करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि ग्राम प्रधान और पत्रकार के बीच पंचायत भवन में विवाद इतना बढ़ा कि पत्रकार को मारपीट का शिकार होना पड़ा।
घटना उस समय हुई जब स्थानीय पत्रकार अजीत सिंह अपनी पत्नी के साथ चुनावी कार्य के लिए पंचायत भवन पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने हाल ही में गांव में हो रहे भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण कार्यों की खबर प्रकाशित की थी।
यह रिपोर्ट ग्राम प्रधान अशोक यादव को नागवार गुज़री और इसके बाद उन्होंने पत्रकार को धमकाने के साथ मारपीट भी की। अजीत सिंह का कहना है कि प्रधान ने न केवल उन्हें धमकी दी, बल्कि भविष्य में इस तरह की खबरें छापने से रोकने की चेतावनी भी दी।
पत्रकार का आरोप है कि गांव में निर्माण कार्य मानकों की अनदेखी कर किए जा रहे थे। इस मामले की शिकायत उन्होंने बीडीओ, एडीओ और ग्राम सचिव से की थी, जिसके बाद कार्य पर रोक लगा दी गई।
काम रुकने से प्रधान की नाराज़गी और बढ़ी और इसी कारण पंचायत भवन में उन पर हमला किया गया।वहीं ग्राम प्रधान अशोक यादव ने सफाई देते हुए कहा कि पत्रकार जानबूझकर उनके खिलाफ नकारात्मक खबरें छापते हैं और बिना आधार के बदनाम करने की कोशिश करते हैं।
प्रधान के मुताबिक, अजीत सिंह ने उन्हें चोर तक कह दिया था, जिससे झगड़ा हुआ और मामला हाथापाई तक पहुंच गया।यह घटना केवल व्यक्तिगत विवाद नहीं है, बल्कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर भी सवाल उठाती है। अजीत सिंह का कहना है कि वह सिर्फ अपना काम कर रहे थे, लेकिन इसके बदले उन्हें जान का खतरा उठाना पड़ा। मामला यह भी दिखाता है कि सच उजागर करने की कीमत आज भी भारी पड़ सकती है।
घटना की सूचना क्षेत्राधिकारी बैरिया तक पहुंची और पुलिस ने दोनों पक्षों से तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। यह पूरी घटना स्पष्ट करती है कि समाज में अब भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो हर हाल में सत्य को दबाने की कोशिश करते हैं, और सच बोलने वालों को भय और हिंसा का सामना करना पड़ता है। पत्रकार पर हुआ यह हमला लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए एक गंभीर खतरा माना जा रहा है।