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फांसी की सजा पर शेख हसीना ने फैसले को बताया पक्षपाती

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ढाका/नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) द्वारा सुनाई गई मौत की सजा पर अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की है। उन्होंने कहा कि यह फैसला “धांधली से स्थापित, पक्षपातपूर्ण और अलोकतांत्रिक ट्रिब्यूनल” का परिणाम है, जो एक ऐसी अंतरिम सरकार द्वारा संचालित है जिसका कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है। हसीना का आरोप है कि यह निर्णय स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रेरणा से लिया गया है और इसका उद्देश्य उन्हें तथा अवामी लीग को खत्म करना है।

पूर्व प्रधानमंत्री के अनुसार, मौत की सजा की सिफारिश इस बात का प्रमाण है कि अंतरिम सरकार में मौजूद कट्टरपंथी तत्व देश की अंतिम निर्वाचित प्रधानमंत्री को समाप्त करना चाहते हैं और अवामी लीग जैसी पुरानी राजनीतिक शक्ति को दुर्बल करने की साजिश रच रहे हैं।

हसीना ने दावा किया कि डॉ. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की अव्यवस्थित, हिंसक और सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियों से जूझ रहे लाखों बांग्लादेशी ICT के इन ‘नाटकीय मुकदमों’ से भ्रमित नहीं होंगे। उनका कहना है कि यह ट्रायल न तो न्याय दिलाने के लिए थे और न ही जुलाई–अगस्त 2025 की घटनाओं की सच्चाई सामने लाने के लिए। इसके बजाय, इनका उद्देश्य अवामी लीग को बलि का बकरा बनाना और अंतरिम सरकार की विफलताओं से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाना था—ऐसी विफलताएँ, जिन्हें यूनुस और उनके मंत्रियों की अक्षमता ने और बढ़ा दिया है।

अपनी प्रतिक्रिया में हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस के शासन में सार्वजनिक सेवाएँ चरमरा गई हैं। सड़कों पर अपराध बढ़ता जा रहा है, पुलिस पीछे हट गई है, न्यायिक निष्पक्षता को नुकसान पहुँचा है और अवामी लीग समर्थकों पर हमले लगातार हो रहे हैं। साथ ही, हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हुए हैं और महिलाओं के अधिकारों का दमन हो रहा है।

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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के अंदर मौजूद इस्लामी चरमपंथी तत्व जिनमें हिज्ब-उत-तहरीर के नेता भी शामिल हैं बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष परंपरा को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। हसीना के अनुसार, पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है, आर्थिक विकास ठप हो चुका है और यूनुस जानबूझकर चुनावों को टाल रहे हैं ताकि देश की सबसे पुरानी पार्टी को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा जा सके।

उन्होंने कहा कि इन सभी घटनाओं के सबूत अंतरराष्ट्रीय मीडिया, एनजीओ और स्वतंत्र संस्थाओं के पास मौजूद हैं। IMF की रिपोर्टें भी इन्हीं संकेतों को मजबूत करती हैं। इसके बावजूद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने यूनुस शासन को स्वीकार कर लिया है, जबकि बांग्लादेश के किसी भी नागरिक ने इस सरकार को चुनने के लिए वोट नहीं दिया।

शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश का भविष्य तभी सुरक्षित होगा, जब अगला चुनाव “स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी” हो, क्योंकि यही देश वास्तव में बांग्लादेशी नागरिकों का है।

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