वाराणसी
प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों पर भारी खर्च, प्रतियोगिताओं में सफलता नदारद
वाराणसी। खेल विभाग द्वारा संचालित लालपुर क्रीड़ा संकुल के फुटबॉल और हॉकी छात्रावासों पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। बावजूद इसके दोनों खेल छात्रावासों की टीमें अब तक किसी बड़ी प्रतियोगिता में सफलता हासिल नहीं कर पाई हैं।
दोनों छात्रावासों के लिए प्रदेश भर से हर साल 25 से 40 प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन किया जाता है। इन खिलाड़ियों के रहने और खाने पर प्रतिदिन 375 रुपये का खर्च होता है। इस तरह प्रति खिलाड़ी पर हर महीने 11,250 रुपये का खर्च आता है। वर्तमान समय में दोनों छात्रावासों में कुल 50 खिलाड़ी रह रहे हैं।
खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए खेल विभाग ने फुटबॉल और हॉकी दोनों खेलों में तीन-तीन अनुभवी प्रशिक्षकों की नियुक्ति की है। इनमें एक उप क्रीड़ा अधिकारी भी शामिल हैं। प्रशिक्षकों को 25 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक का मासिक मानदेय और वेतन दिया जाता है। इसके बावजूद दोनों हॉस्टलों की टीमों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है।

हाल ही में आयोजित लीग में फुटबॉल टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वहीं हॉकी के लिए तीन प्रशिक्षक दो अलग-अलग जगहों पर प्रशिक्षण दे रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी टीमों ने भी किसी प्रतियोगिता में खिताब नहीं जीता है।
क्षेत्रीय खेल अधिकारी विमला सिंह का कहना है कि छात्रावास के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। फुटबॉल की टीम ने जिला लीग में भी बेहतर खेल दिखाया है। उन्होंने बताया कि हॉकी की प्रतियोगिता अभी होनी है, जिसमें छात्रावास की टीम हिस्सा लेगी।
खेल विभाग हर साल खिलाड़ियों पर भारी-भरकम खर्च करता है और प्रशिक्षकों की तैनाती भी करता है, लेकिन इसके बावजूद काशी की फुटबॉल और हॉकी टीमों की झोली अब तक खाली है। खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के प्रयासों के बावजूद सफलता हाथ नहीं लग पाना विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
