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गाजीपुर

प्रशासन की लापरवाही से खुले में शौच को मजबूर मरीज और तीमारदार

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गाजीपुर। जिले के रेवतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जमानियां में निर्माणाधीन मॉडल सामुदायिक शौचालय प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण बनता जा रहा है। क्षेत्र पंचायत योजना के तहत स्वीकृत इस परियोजना पर करीब 10 लाख रुपये खर्च होने हैं, लेकिन निर्माण की धीमी गति और अधिकारियों की उदासीनता ने योजना की सार्थकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जून 2024 में मिली मंजूरी, अब तक अधूरा:
शौचालय निर्माण को जून 2024 में स्वीकृति मिली थी और जुलाई में कार्य भी प्रारंभ हो गया था। तय अवधि के अनुसार इसे एक माह में पूर्ण हो जाना था, लेकिन आठ माह बीत जाने के बावजूद निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। छह शीटर इस शौचालय का मूल ढांचा तो खड़ा हो चुका है, लेकिन अंतिम फिनिशिंग, टाइलिंग, जल-निकासी, बिजली और दरवाजों जैसी बुनियादी सुविधाएं अब तक नहीं जोड़ी जा सकीं हैं।

अस्पताल आने वाले लोग हो रहे परेशान:
अस्पताल आने वाले मरीज, तीमारदार और कर्मचारी आवश्यक सुविधा के अभाव में खुले में शौच जाने को विवश हैं। यह न सिर्फ असुविधाजनक स्थिति है, बल्कि शासन की खुले में शौच मुक्त भारत अभियान को भी करारा झटका है।

जिला पंचायत राज अधिकारी ने लिया संज्ञान:
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी अंशुल मौर्या ने जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया है कि निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए। साथ ही लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी तय मानी जा रही है।

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स्थानीय निवासियों और स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों की मांग है कि शौचालय निर्माण को प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कराया जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को मूलभूत सुविधा सुलभ हो सके।

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