Connect with us

वाराणसी

प्रभावी रणनीति व कार्यवाई से ही होगा मलेरिया का उन्मूलन – सीएमओ

Published

on

विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल) पर विशेष

समय पर जांच, उपचार व नियंत्रण से मलेरिया का बचाव सम्भव

लार्वा स्रोतों को नष्ट कराना, एंटीलार्वा का छिड़काव व फागिंग बेहद जरूरी

इस बार की थीम है “शून्य मलेरिया देने का समय : निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन”

वाराणसी। देश को वर्ष 2030 तक मलेरिया से मुक्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही जनपद में मलेरिया पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रभावी रणनीति बनाकर कार्य कर रहा है। इसका परिणाम यह रहा कि वर्ष 2017 में जनपद में मलेरिया के करीब 400 मरीज पाये गए थे लेकिन पिछले वर्ष 78 रोगी पाये गए। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों, प्रचार-प्रसार की वजह से मलेरिया के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। इसी उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी
सीएमओ कहा कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम “शून्य मलेरिया देने का समय : निवेश, नवाचार व कार्यान्वयन’ रखी गई है। इस थीम का उद्देश्य मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में निवेश करना, आधुनिक तकनीकों और अनुसंधान कर नवाचार की ओर ध्यान आकर्षित करना तथा उसको जमीनी स्तर पर लागू करना है। मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण करने के लिए चार प्रमुख रणनीति बनाई गई हैं। पहला एक्टिव सर्विलान्स जिसमें आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही साथ रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट के माध्यम से मलेरिया की जांच कर रही हैं। दूसरा पैसिव सर्विलान्स ओपीडी के दौरान बुखार ग्रसित सभी रोगियों की मलेरिया की जांच की जा रही है। तीसरा नियमित स्वास्थ्य कैंप के जरिये मलेरिया के रोगी खोजना है। चौथा कहीं भी एक रोगी मिलने पर स्वास्थ्यकर्ताओं के माध्यम से आसपास के क्षेत्र की कोंट्रेक्ट ट्रेसिंग और रोकथाम करना है। सीएमओ ने सभी सीएचसी, पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को निर्देशित किया गया है कि समय पर मलेरिया की जांच व पहचान कर मरीज को निर्धारित समय तक उपचार दिया जाये।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पांडेय ने बताया कि जनपद की आबादी के अनुसार मच्छरों का घनत्व जितना कम होगा मलेरिया से उतने ही अधिक सुरक्षित होंगे। वर्तमान में सभी हॉटस्पॉट में हाउस इंडेक्स एक से कम है जो सामान्य स्थिति में है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। मलेरिया व डेंगू के लिए पूर्व से चिन्हित ग्रामीण के 62 व शहर के 55 हॉटस्पॉट क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी करायी जा रही है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ्रीज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है।
डीएमओ ने बताया कि मलेरिया का प्रसार मादा एनीफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। मलेरिया हो जाने पर रोगी को ठंड देकर नियमित अंतराल पर बुखार आना, सिरदर्द, उल्टी, पेट में दर्द, रक्त अल्पता, मांसपेशियों में दर्द, अत्यधिक पसीना आना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। समय से जांच व उपचार मिलने पर रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। उपचार के दौरान ध्यान रखें कि स्वस्थ भोजन खाएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें, प्रोटीन युक्त आहार लें, वसायुक्त मसालेदार भोजन न करें, उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ और कैफीन युक्त पेय का सेवन न करें।
एक नजर आंकड़ों पर – जनपद में पिछले पाँच वर्षों में मलेरिया के स्थिति की बाते करें तो जिला मलेरिया विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में 406 रोगी पाये गए थे। वर्ष 2018 में 340, वर्ष 2019 में 271, वर्ष 2020 में 46, वर्ष 2021 में 164, वर्ष 2022 में 78 और वर्ष 2023 में अब तक सिर्फ सात मलेरिया रोगी पाये गए।
सुविधा : मलेरिया की जांच व उपचार की सुविधा जिला मुख्यालय के अलावा सभी शहरी व ग्रामीण सीएचसी, पीएचसी, आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर उपलब्ध है। आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर संभावित रोगी की पहचान कर किट से त्वरित जांच का रही हैं। जांच में मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर रोगी का सम्पूर्ण उपचार किया जा रहा है।
बचाव : मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तुरंत अच्छे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।
इनसेट….
वाराणसी – विश्व मलेरिया दिवस पर जनपद के समस्त पीएचसी व सीएचसी पर विशेष गोष्ठी का आयोजन, जन जागरूकता रैली आदि के साथ ही शहरी मलिन बस्तियों में विशेष मलेरिया फीवर कैंप आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा स्कूलों और विद्यालयों में मलेरिया रोग पर वाद विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन आदि गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

Advertisement

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page