चन्दौली
पेयजल संकट पर उबले ग्रामीण, जलनिगम अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप

एक मोटर से चल रही हजारों की आबादी की जल आपूर्ति, तीन साल से बोरिंग बेकार
धीना (चंदौली)। कस्बा व आसपास के गांवों में हो रही कमालपुर जलनिगम से पेयजल आपूर्ति कभी भी अधिकारियों की मनमानी तथा लापरवाही की भेंट चढ़ सकती है। स्थानीय गांव की जनसंख्या जब छह से सात हजार थी, तब दो विद्युत मोटरों से टंकी भरकर पेयजल सप्लाई की जाती रही, पर आज दस हजार के आसपास गांव की आबादी के साथ अन्य गांवों को जल सप्लाई एक ही मोटर से टंकी भरकर की जा रही है, जो कच्छप गति से चल रही है।
द्वितीय ट्यूबवेल जमुर्खा में जलनिगम का फेल हो जाने से, जलनिगम टंकी के पास तीन साल पहले बोरिंग कर छोड़ दी गई है। गाहे-बगाहे चल रही मोटर जल जाने अथवा अन्य प्रकार के फॉल्ट हो जाने से हफ्तों भर कस्बे के लोग पेयजल को लेकर बिलबिलाते रहते हैं, जिसका परिणामस्वरूप उन्हें सड़क पर उतरना तथा धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ता है।
बोरिंग की गई जगह से जलनिगम टंकी की दूरी मात्र सौ मीटर है। यदि वहां से पाइपलाइन बनाकर टंकी से कनेक्शन कर दिया जाता तो भविष्य में कभी भी पेयजल का संकट नहीं होता। एक तरफ जहां शासन द्वारा जल मिशन शक्ति योजना को क्रियान्वित कर हर घर नल-जल पहुंचाने की योजना चलाई जा रही है, वहीं कमालपुर में इसे अनदेखा किया जा रहा है।
जलनिगम की समस्या को लेकर व्यापार मंडल अध्यक्ष शंकर प्रसाद गुप्ता व उपाध्यक्ष अरविंद वर्मा द्वारा पूर्व जिलाधिकारी को लिखित सूचनाएं दी गईं तथा अधिशासी अभियंता जलनिगम अमित राजपूत को अनगिनत फोन के माध्यम से जानकारी देने के बावजूद बोरिंग के ऊपर एक साल से घर बनाकर गांव वालों को छलने का काम किया जा रहा है।
स्थानीय गांव के लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पेयजल संकट से निजात दिलाने की मांग की है।