वाराणसी
पेयजल और सीवर परियोजनाओं का जिलाधिकारी ने किया स्थलीय निरीक्षण

वाराणसी। जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने बुधवार को ट्रांस वरुणा क्षेत्र एवं नगर निगम वाराणसी के विस्तारीकरण क्षेत्रों में संचालित पेयजल और सीवर परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्य की प्रगति को और तेज किया जाए तथा सभी परियोजनाओं को निर्धारित समयावधि में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा कराया जाए।
अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड (प्रथम), उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय), वाराणसी ने जानकारी दी कि ट्रांस वरुणा दीनापुर जोन (फेज-1, पार्ट-ए) पेयजल योजना को 171.54 करोड़ रुपये की स्वीकृति अमृत 2.0 कार्यक्रम के अंतर्गत मिली है। वर्तमान में परियोजना की भौतिक प्रगति 10 प्रतिशत है और इसे सितम्बर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना के अंतर्गत प्रस्तावित 10 शिरोपरि जलाशयों में से 6 का कार्य प्रगति पर है जबकि 21 प्रस्तावित नलकूपों में से 14 का कार्य पूरा हो चुका है। 414 किलोमीटर प्रस्तावित वितरण प्रणाली के सापेक्ष 19 किलोमीटर नेटवर्क बिछाया जा चुका है। योजना पूरी होने पर दीनापुर, सलारपुर, लेकुपुर, सारनाथ और रमदतपुर वार्ड के कुल 20,176 घरों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा।
इसी क्रम में जिलाधिकारी ने सूजाबाद क्षेत्र में निर्माणाधीन सीवर हाउस कनेक्शन एवं संबद्ध कार्यों का भी निरीक्षण किया। यह परियोजना 96.17 करोड़ रुपये की लागत से अमृत 2.0 कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत है। वर्तमान में इसकी भौतिक प्रगति 38 प्रतिशत है और इसे मई 2026 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है।
इस योजना में 9 एमएलडी एमपीएस, 7 एमएलडी एसटीपी, 26.89 किलोमीटर सीवर नेटवर्क, 3981 सीवर हाउस कनेक्शन तथा राइजिंगमेन एवं एफ्लुएंट लाइन का निर्माण शामिल है। अब तक 55 प्रतिशत एमपीएस, 25 प्रतिशत एसटीपी और 16 किलोमीटर सीवर नेटवर्क का कार्य पूरा हो चुका है। योजना पूरी होने पर सायर माता ड्रेन एवं घटवारी माता ड्रेन पूरी तरह टैप हो जाएंगी और 3981 घर सीवर लाइन से जुड़ेंगे, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्य की रफ्तार और तेज की जाए ताकि निर्धारित समयसीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण ढंग से योजनाओं को पूरा किया जा सके। निरीक्षण के दौरान नगर निगम एवं परियोजनाओं से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।