गोरखपुर
पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को नमन, एडीजी-डीआईजी और एसएसपी ने दी श्रद्धांजलि

गोरखपुर। कर्तव्य पालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर पुलिस शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मंगलवार को पुलिस लाइन, गोरखपुर में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि समारोह और शोक परेड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एडीजी जोन मुथा अशोक जैन, डीआईजी/रेंज गोरखपुर डॉ. एस. चन्नप्पा तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर सहित समस्त पुलिस अधिकारी, कर्मचारी एवं सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत पुलिस स्मृति स्थल पर शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्पचक्र अर्पण से हुई। एडीजी जोन, डीआईजी, एसएसपी समेत सभी अधिकारियों ने शहीद पुलिसकर्मियों को नमन किया। इसके उपरांत शोक परेड का आयोजन हुआ, जिसमें उपस्थित समस्त पुलिसकर्मियों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। पुलिस बैंड द्वारा बजाई गई शोक धुन से पूरा परिसर भावनाओं और श्रद्धा से भर उठा।
इस अवसर पर एडीजी जोन मुथा अशोक जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि “देश की आंतरिक सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए हमारे पुलिस जवान प्रतिदिन अपने प्राणों की आहुति देते हैं। 21 अक्टूबर का यह दिन हमें उन अमर वीरों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया। लद्दाख के हॉट स्प्रिंग की घटना पुलिस बल के साहस और कर्तव्यनिष्ठा की प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस केवल औपचारिकता नहीं बल्कि यह कर्तव्य, अनुशासन और बलिदान की प्रेरणा देने वाला दिवस है।
कार्यक्रम में एसपी सिटी अभिनव त्यागी, एसपी नार्थ जितेन्द्र श्रीवास्तव, एसपी रेलवे लक्ष्मी नारायण मिश्रा, एसपी साउथ जितेन्द्र कुमार, एसपी अपराध सुधीर जायसवाल, एसपी ट्रैफिक राजकुमार, एसपी निहारिका त्यागी, एसपी अनिल कुमार, एसपी रचना मिश्रा समेत सभी सीओ, थानाध्यक्ष, निरीक्षकगण, पुलिस लाइन के अधिकारी-कर्मचारी एवं एलआईयू अधिकारी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में भारतीय गश्ती दल पर चीनी सैनिकों ने हमला किया था। इस घटना में आईटीबीपी के उप पुलिस अधीक्षक करम सिंह और सीआरपीएफ के 10 वीर जवान शहीद हो गए थे। इन्हीं अमर सपूतों की स्मृति में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है, ताकि उनके बलिदान को सदा-सर्वदा याद रखा जा सके।