वाराणसी
पुलिस, पीएसी और सशस्त्र बल के जवानों को समर्पित होगी देव दीपावली
“प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर दिखेगा अद्भुत नजारा”
500 किलो फूलों से निखरेगा घाट, मां गंगा की 108 किलो की अष्टधातु प्रतिमा का होगा विशेष श्रृंगार
वाराणसी। देव दीपावली पर काशी का प्राचीन दशाश्वमेधघाट देवताओं के स्वागत में पलक पांवड़े, बिछाए बिछायेगा। 34 वर्षों से चल रही परंपरा के अनुसार दशाश्वमेध घाट पर नियमित आरती करने वाली संस्था गंगोत्री सेवा समिति के तत्वावधान में वैदिक रीति से गंगा महारानी का पूजन-स्तवन संग 151 लीटर दूध से अभिषेक करके गंगा निर्मलीकरण का आहवान किया जायेगा।
गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दुबे (बाबू महाराज) ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत मैं बताया कि गंगा तट पर सिंहासनारूढ़ गंगा महारानी की 108 किलो की अष्टधातु की श्रृंगारिक प्रतिमा और उनकी अलौकिक आरती की निराली छवि आकषर्ण का केंद्र होगी। मां गंगा के शास्त्रोक्त विधि से पूजन के क्रम में समूचे घाट को 500 किलो देशी और विदेशी फूलों से सजाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि गंगोत्री सेवा समिति द्वारा देव दीपावली को समाज और देश की रक्षा हेतु अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले देश के वीर पुलिस , पीएसी और सशस्त्र बल के जवानों को समर्पित किया जायेगा। इसी क्रम में 42 ऋद्धि – सिद्धि के रूप में गंगा की महाआरती के दौरान बेटियों का नेतृत्व नारी शक्ति के सम्मान का संकल्प दोहराएगा ।
इस वर्ष के आयोजन में 21 बटुकों संग 21 डमरूदल गंगा आरती की शोभा बढ़ाएंगे। प्रेस वार्ता में उपस्थित गंगोत्री सेवा समिति के सचिव दिनेश दुबे ने बताया कि आयोजन की अध्यक्षता सुमेरु पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रनंद सरस्वती करेंगे। मां गंगा की आरती महा आरती के पश्चात सांस्कृतिक संध्या सभी का मन मोहगी।