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वाराणसी

पार्किंग की कमी से लोग परेशान, अतिक्रमण से आवागमन प्रभावित

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वाराणसी। शहर में यातायात प्रबंधन को लेकर लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। निजी अस्पतालों, शॉपिंग कॉम्पलेक्स और छोटे-बड़े शोरूम के बाहर सड़क पर ही वाहन खड़े किए जा रहे हैं। वजह यह है कि इन संस्थानों की पार्किंग में मालिकों और कर्मचारियों की अपनी गाड़ियां खड़ी रहती हैं, जबकि ग्राहकों और मरीजों के वाहन सड़क पर खड़े कराए जाते हैं।

रविंद्रपुरी इलाके में दो से तीन निजी अस्पताल हैं, जहां पार्किंग स्थल चिकित्सकों और कर्मचारियों की गाड़ियों से भरा रहता है। बीमार और उनके तीमारदारों के वाहन मजबूरन सड़क पर खड़े होते हैं। यही स्थिति अर्दली बाजार और भोजूबीर क्षेत्र के अस्पतालों की भी है। इनमें से किसी के पास 20 वाहनों की पार्किंग क्षमता भी नहीं है। इससे इन मार्गों पर अक्सर जाम लगता है।

कचहरी क्षेत्र में मिठाई की एक दुकान के बाहर भी प्रतिदिन दो से तीन सौ वाहन सड़क पर खड़े होते हैं। दोनों तरफ गाड़ियां लगने से अर्दली बाजार से एलटी कॉलेज जाने वाला रास्ता बेहद संकरा हो जाता है। यहां तक कि यातायात पुलिस और थाने की पुलिस ने भी कभी इस दुकान को नोटिस नहीं भेजा, जबकि जाम की स्थिति कई बार इसी वजह से बनी है।

भिखारीपुर तिराहे के पास स्थित निजी अस्पतालों में पार्किंग फुल होने पर वाहन सड़क पर ही खड़े किए जाते हैं। ककरमत्ता फ्लाईओवर के नीचे भी निजी अस्पतालों के बाहर दोपहिया और चारपहिया वाहन अव्यवस्थित तरीके से खड़े मिलते हैं।

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सुंदरपुर-भिखारीपुर तिराहे पर मिठाई की दुकान के बाहर रोजाना गाड़ियां सड़क पर खड़ी रहती हैं। सुबह और शाम के समय इन वाहनों के कारण राहगीरों और अन्य वाहनों की रफ्तार थम जाती है। चितईपुर थाना क्षेत्र में आने वाली इस दुकान पर अब तक कभी कार्रवाई नहीं की गई।

पुलिस आयुक्त की चेतावनी और नगर निगम के नोटिसों के बावजूद निजी अस्पतालों और शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बाहर पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी है। शहरवासियों का कहना है कि जब तक सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक यह समस्या बनी रहेगी।

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