वाराणसी
पांच करोड़ की धोखाधड़ी में आरोपी की जमानत अर्जी खारिज

वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने 5.02 करोड़ की धोखाधड़ी के गंभीर मामले में आरोपी सूर्य नारायण यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपी मिश्र पोखरा, लक्सा का निवासी है। अदालत ने मामले की गंभीरता और साक्ष्यों को देखते हुए सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया। वादी के अधिवक्ताओं अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और मुकेश सिंह ने जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया।
प्रकरण की शुरुआत चेतगंज एसीपी को दी गई लिखित तहरीर से हुई, जिसमें वादी सत्येन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने मेसर्स निलाम्बर ट्रैक्सिम एण्ड क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड नामक कम्पनी में 5.02 करोड़ की आर्थिक हेराफेरी का आरोप लगाया। यह कंपनी वर्ष 1992 में पश्चिम बंगाल में पंजीकृत हुई थी, जिसका हेड ऑफिस वाराणसी के नाटी इमली में स्थित है। वादी कंपनी का प्रबंधक है और यस बैंक की रामकटोरा शाखा में दो बैंक खाते कंपनी के नाम से संचालित होते थे।
कम्पनी के निदेशक मंडल ने खातों के संचालन की जिम्मेदारी निदेशक कवलधारी यादव को सौंपी थी, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों पत्नी विद्या देवी, पुत्रगण ब्रह्मदेव और सूर्य नारायण सहित कई अन्य व्यक्तियों और फर्जी कंपनियों की मदद से करोड़ों रुपये निकाल लिए। इस साजिश में बैंक के तत्कालीन प्रबंधक, कर्मचारी और अन्य कारोबारी संस्थानों जैसे मेसर्स मैक्समोर पेमेंट डिजिटेक प्रा. लि., मेसर्स वैभव ट्रेडर्स, दीप कलेक्शन, दिव्यांशी ब्यूटीपार्लर, और कुछ व्यक्तिगत नाम भी शामिल हैं। पुलिस जांच में सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ और सूर्य नारायण यादव की गिरफ्तारी कर जेल भेज दिया गया।