वाराणसी
पहले पति के रहते दूसरी शादी करने पर महिला को सजा

शादी के एल्बम और गवाहों के बयान बने सबूत
वाराणसी। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अश्वनी कुमार की अदालत ने शुक्रवार को 13 साल पुराने एक मामले में अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने पहले पति के रहते दूसरी शादी करने के आरोप में महिला को दोषी करार देते हुए छह महीने की सजा और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने की स्थिति में अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है।
मामला वाराणसी के पंचक्रोशी रोड शिवपुर की वंदना गुप्ता का है। अभियोजन के अनुसार, गोरखपुर के बेनीगंज निवासी अंबुज अग्रवाल ने 13 मार्च 2012 को अपनी पत्नी वंदना गुप्ता और उसके परिजनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। अंबुज ने आरोप लगाया कि वंदना ने उन्हें धोखे में रखकर विवाह किया, जबकि वह पहले से मिर्जापुर निवासी राजेंद्र केसरी की पत्नी थी।
पहले पति के रहते की दूसरी शादी
अंबुज अग्रवाल ने अदालत को बताया कि उनकी पहली पत्नी का 15 अगस्त 2005 को निधन हो गया था। इसके बाद 3 दिसंबर 2009 को उन्होंने विंध्याचल मंदिर में वंदना से विवाह किया। शादी के कुछ समय बाद ही उन्हें पता चला कि वंदना पहले से ही शादीशुदा थी।
सबूतों के आधार पर दोषी करार
पुलिस जांच और चार्जशीट के साथ, शादी के एल्बम और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने वंदना गुप्ता को दोषी पाया। विशेष सीजेएम ने सुनवाई के दौरान वादी की ओर से अधिवक्ता राकेश उपाध्याय के तर्कों को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत ने वंदना गुप्ता को छह महीने कारावास की सजा और दो हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया। जुर्माना न भरने की स्थिति में अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है।