गोरखपुर
पलहीपार बाबू गांव में खूनी संघर्ष, दो पक्षों में जमकर मारपीट
दोनों पक्षों की तहरीर पर दर्ज हुए केस, 80 से अधिक लोग हुए नामजद
गोरखपुर। खजनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पलहीपार बाबू गांव में 21 नवंबर की रात दो पक्ष आमने-सामने आ गए, जिसके चलते भारी बवाल हो गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कराए हैं। बिगड़ते माहौल को देखते हुए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
विवाद की शुरुआत 19 नवंबर को एक शादी की बारात में डीजे बजाने को लेकर हुई कहासुनी से हुई। अखिलेश यादव और जयप्रकाश चौरसिया के बीच हुए इस विवाद ने 20 नवंबर को फिर तूल पकड़ा और 21 नवंबर की रात को यह मामला बड़े संघर्ष में बदल गया।
पहला पक्ष: हरिजन बस्ती की तहरीर
हरिजन बस्ती के मुन्ना प्रसाद ने अपने प्रार्थना-पत्र में आरोप लगाया कि जयप्रकाश चौरसिया, अखिलेश यादव समेत करीब एक दर्जन से अधिक लोग लाठी-डंडों, धारदार हथियारों और अवैध असलहों के साथ उनकी बस्ती पर टूट पड़े।
तहरीर के अनुसार— आरोपियों ने 20–25 लोगों को बेरहमी से पीटा और घायल किया। घरों में घुसकर महिलाओं से छेड़छाड़ और अभद्र हरकतें कीं। जातिसूचक गालियां दी गईं।फायरिंग और तोड़फोड़ किए जाने का भी आरोप है।
मुन्ना प्रसाद की शिकायत पर पुलिस ने 21 नामजद और 30 अज्ञात सहित कुल 51 लोगों के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं तथा एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
दूसरा पक्ष: जयप्रकाश चौरसिया की शिकायत
दूसरे पक्ष से जयप्रकाश चौरसिया ने दी तहरीर में कहा कि वे घर के बाहर बैठे थे, तभी मुन्ना प्रसाद, मुकेश प्रसाद और उनके साथी धारदार एवं जानलेवा हथियार लेकर आए और घर पर हमला बोल दिया।
उनके मुताबिक, हमलावरों ने उन्हें और उनके भाई केदार पर हमला कर गंभीर रूप से घायल किया। दोनों के सिर पर गंभीर चोटें आईं। वहीं, इस तहरीर पर पुलिस ने 13 नामजद और 30 अज्ञात लोगों के विरुद्ध IPC की विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है।
गांव में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। खजनी पुलिस ने दोनों पक्षों के मामलों को दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साथ ही किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है। पुलिस का कहना है कि दोनों मामलों की जांच निष्पक्ष रूप से की जा रही है।
