शिक्षा
पर्यावरण संरक्षण पर द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन

हण्डिया (प्रयागराज)। हण्डिया पीजी कालेज, हण्डिया, प्रयागराज के प्रशिक्षण संकाय द्वारा आयोजित द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “पर्यावरण संरक्षण व सतत विकास- सामुदायिक सहभागिता की भूमिका” का प्रथम दिवस बुधवार को महाविद्यालय परिसर में संपन्न हुआ। संगोष्ठी का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. विवेक पाण्डेय की अध्यक्षता में हुआ।
प्राचार्य प्रो. विवेक पाण्डेय ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा, “पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी नीतियों का विषय नहीं है, बल्कि यह समुदाय की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है। आज की यह संगोष्ठी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। हमारे शिक्षण संस्थानों की यह जिम्मेदारी है कि वे भावी पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाएं।”
आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. शैलेन्द्र कुमार यादव ने अपने मुख्य भाषण में कहा, “सतत विकास का लक्ष्य तभी प्राप्त हो सकता है जब हम सामुदायिक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा दें। शिक्षा के माध्यम से हम समुदाय में जागरूकता फैला सकते हैं और व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं।”
शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रो. मुन्ना सिंह ने बताया, “पर्यावरण संरक्षण में खेल और शारीरिक गतिविधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक वातावरण में की जाने वाली शारीरिक गतिविधियां न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं बल्कि पर्यावरण के प्रति प्रेम भी जगाती हैं।”
अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. दीपक कुमार सिंह ने कहा, “सतत विकास की अवधारणा आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने की है। समुदाय आधारित हरित अर्थव्यवस्था के मॉडल अपनाकर हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”
शिक्षा शास्त्र विभाग के डॉ. शारदा सिंह ने जोर देते हुए कहा, “पर्यावरणीय शिक्षा को पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनाना आवश्यक है। बच्चों में प्रकृति के प्रति संवेदना विकसित करना शिक्षकों की प्राथमिकता होनी चाहिए। सामुदायिक परियोजनाओं के माध्यम से छात्र व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।”
उद्घाटन सत्र का संचालन शिक्षक प्रशिक्षण संकाय के बीएड एवं एमएड विभागाध्यक्ष डॉ. सोमेश नारायण सिंह ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. धर्मेंद्र कुमार भारतीय के स्वागत वक्तव्य से हुआ, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने प्रस्तुत किया।
संगोष्ठी में डॉ. क्रांति कुमार सिंह, कुमारी प्रतीक्षा, डॉ. संजय कुमार शुक्ला, डॉ. अरुण पाण्डेय, सुनील कुमार, संतोष कुमार सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों ने भाग लिया।
उद्घाटन सत्र के पश्चात आयोजित तकनीकी सत्र में देशभर से आए शोधकर्ताओं द्वारा लगभग 33 शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया। इन शोध पत्रों में पर्यावरण संरक्षण की नवीन तकनीकों, सामुदायिक जागरूकता के तरीकों और सतत विकास की रणनीतियों पर चर्चा की गई।