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गाजीपुर

परीक्षकों की गलती पर कटेगा पारिश्रमिक, 2% त्रुटि पर तीन साल की रोक

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गाजीपुर। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब यदि कोई परीक्षक किसी उत्तर पुस्तिका में 90 प्रतिशत से अधिक या शून्य अंक देता है, तो इन कॉपियों की दोबारा जांच उप प्रधान परीक्षक द्वारा की जाएगी। परीक्षार्थियों की स्वच्छ और सुंदर लिखावट के लिए एक अतिरिक्त अंक दिया जाएगा, लेकिन यह ध्यान रखा जाएगा कि कुल अंक प्रश्न पत्र के पूर्णांक से अधिक न हों।

परीक्षकों के लिए स्टेप बाय स्टेप मार्किंग अनिवार्य होगी। यदि किसी प्रश्न के उत्तर में तीन स्टेप हैं और परीक्षार्थी ने दो स्टेप सही किए हैं, तो उसे दो स्टेप के अंक दिए जाएंगे। सही उत्तर पर “एस” का चिन्ह और गलत उत्तर पर “क्रॉस” का चिन्ह लगाकर शून्य अंक दर्ज किया जाएगा।

हाई स्कूल परीक्षक प्रतिदिन अधिकतम 50 और इंटरमीडिएट परीक्षक 45 कॉपियां जांच सकेंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नियुक्त दो सदस्यीय टीम प्रतिदिन जांची गई कॉपियों की 15 प्रतिशत रैंडम चेकिंग करेगी।

परीक्षकों की त्रुटि के आधार पर पारिश्रमिक में कटौती की जाएगी। आधा प्रतिशत त्रुटि पर 25 प्रतिशत, एक प्रतिशत त्रुटि पर 50 प्रतिशत, और दो प्रतिशत त्रुटि पर 85 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी। दो प्रतिशत त्रुटि करने वाले परीक्षकों को तीन वर्षों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

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