पूर्वांचल
पत्रकारिता की धौंस जमा कर एसडीएम और पुलिस पर नाजायज दबाव बनाने का आरोप

किसी के सहन के सामने नवनिर्माण करना गैर कानूनी
केराकत ( जौनपुर ) । केराकत थाना क्षेत्र के धरौरा गांव में जिस मामले को एक पक्षीय कार्यवाही बताकर एसडीएम और पुलिस को अरदब में लेने की कोशिश की जा रही है, वह सरासर गलत है । पत्रकारिता की आड़ लेकर धौंस जमाना और गलत काम के लिए दबाव बनाना यह गैरकानूनी है । ऐसे तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए । जानकारी के अनुसार केराकत के धरौरा गांव में विजेंद्र दुबे और अनिल दुबे का मकान है । विजेंद्र दुबे के मकान में दो खिड़कियां पहले से थी । उन्होंने नव निर्माण के तहत दीवार को तोड़कर तीसरी खिड़की बनाना शुरू कर दिया । यह बात अनिल दुबे को नागवार लगी । क्योंकि वह उनके सहन के सामने पड़ रही थी । उन्होंने इस संबंध में एसडीएम केराकत सुनील कुमार तथा थाना प्रभारी केराकत के यहां प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की । इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों की बात को सुनने के बाद यह पाया कि अनिल दुबे का आरोप सही है । क्योंकि उनके सहन के सामने तीसरी खिड़की खोली जा रही थी । इस संबंध में जब एसडीएम सुनील कुमार से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि विजेंद्र दुबे के मकान में दो खिड़कियां पहले से थी और वह तीसरी खिड़की खोलने लगे जो अनिल दुबे के सहन के सामने थी । इस संबंध में दोनों पक्षों को बताया गया कि वह पैमाइश करा ले और आपस में बटवारा कर लें । अगर तीसरी खिड़की खोलने पर अनिल दुबे के सहन की जमीन थी और उन्होंने दीवार खड़ी कर दी होती तो मामला और गंभीर हो जाता विवाद बढ़ सकता था । इसलिए अनिल दुबे के पक्ष को सही ठहराते हुए पुलिस ने नवनिर्माण के तहत खोली जा रही नई खिड़की को बंद करा दिया । बस इसी बात को बतंगड़ बनाकर एक पत्रकार संगठन ने दबाव बनाना शुरू कर दिया और अभी भी लोग दबाव बना रहे हैं । जो नाजायज और गैरकानूनी है ।